पिछोला झील में श्रमदान कर कचरा बाहर निकाला


पिछोला झील में श्रमदान कर कचरा बाहर निकाला

पिछोला के कैचमेंट हुई बारिश से सीसारमा नदी से आ रही विपुल जलराशि से पिछोला झील लबालब है। ओवर फ्लो से तैरता कचरा निकला भी है लेकिन कई जगह खाँचो में कचरा जमा हो रहा है। रविवार को अमरकुंड क्षेत्र के खाँचो में जमा कचरे, पूजन सामग्री, पॉलीथिन व जलीय घास को झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति एवं गांधी मानव कल्याण सोसायटी के सदस्यों ने श्रमदान कर बाहर निकाला।

 
पिछोला झील में श्रमदान कर कचरा बाहर निकाला

पिछोला के कैचमेंट हुई बारिश से सीसारमा नदी से आ रही विपुल जलराशि से पिछोला झील लबालब है। ओवर फ्लो से तैरता कचरा निकला भी है लेकिन कई जगह खाँचो में कचरा जमा हो रहा है। रविवार को अमरकुंड क्षेत्र के खाँचो में जमा कचरे, पूजन सामग्री, पॉलीथिन व जलीय घास को झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति एवं गांधी मानव कल्याण सोसायटी के सदस्यों ने श्रमदान कर बाहर निकाला।

श्रमदान में रमेश चंद्र राजपूत, दिगम्बर सिंह, दुर्गा शंकर पुरोहित, कमलेश पालीवाल, सुनील विजय, तेज शंकर पालीवाल व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया। श्रमदान पूर्व विद्या भवन के अध्यक्ष अजय मेहता ने श्रमदान कर्मियो का उत्त्साह वर्धन करते हुए कहा कि झीले व घाट तुलनात्मक रूप से स्वच्छ दिख रही है इसका श्रेय श्रमदान को भी जाता है।

गणगौर घाट पर बीती रात हुई फ़िल्म शूटिंग के दौरान बड़ी मात्रा में रंग बिखरा पड़ा था जो झील में समाहित हो रहा था। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ अनिल मेहता, तेज शंकर पालीवाल व नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि शहर की झीले पेयजल स्त्रोत है और रंग विभिन्न रसायनों से बनते है जो मानव स्वास्थ्य के लिए घातक है इस और प्रसासन को ध्यान देना चाहिए।

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