सच को झँकझोरता नाटक ‘‘सभा का सार”

सच को झँकझोरता नाटक ‘‘सभा का सार”

नुक्कड़ नाटक ‘‘सभा का सार” सरकारी एवं गैर सरकारी महकमें मे अक्सर होने वाली सभाओं पर आधारित हैं, जो बिना

 

सच को झँकझोरता नाटक ‘‘सभा का सार”

उदयपुर की नाट्य संस्था ‘‘नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एण्ड परफोरमिंग आर्ट्स” द्वारा दिनांक 24 सितम्बर, 2018 को शहर के फतेहसागर कि पाल पर नुक्कड़ नाटक ‘‘सभा का सार” का मंचन शाम 6.30 बजे किया गया।

जैसा कि हम सभी जानते है कि हर क्षैत्र में कहीं ना कहीं सभाएँ होती रहती है, परन्तु कई सभाएँ आज भी बिना उचित नतीजों के समाप्त हो जाती है। इन सभाओं को आयोजित करने में मानव संसाधन के साथ ही राजकिय कोष का भी दुरूपयोग किया जाता है। जो सभाएँ आम जनता के हित में होनी चाहिए उन सभाओं का आयोजन मात्र कागज़ी कार्यवाही तक ही सीमित रह जाता है और सभा में सम्मिलित लोग स्वयं पर संयम रखने के बजाये बेकार की बहस और लडाई से समय बरबाद करते है।

Click here to Download the UT App

नाट्यांश के द्वारा मंचित नुक्कड़ नाटक ‘‘सभा का सार” भी एसे ही विषय पर बात करता है। नुक्कड़ नाटक में बताया गया है कि कैसे हम सभाओं में अहम मुद्दे को छोड़कर कई दुसरें मसलों पर चर्चाएं शुरू कर देते है और सभाओं को बिना किसी उचित नतिजे के समाप्त करना होता है। साथ ही हम एसी ही एक नई सभा की योजनाएं शुरू कर देते है।

सच को झँकझोरता नाटक ‘‘सभा का सार”

इस नुक्कड़ नाटक के संयोजक अब्दुल मुबिन खान पठान ने बताया कि नाटक का लेखन अमित श्रीमाली ने किया और निर्देशन मोहम्मद रिजवान मंसूरी के द्वारा किया गया है। नाटक के कलाकारों में संगीता दाधीच, रूबी कुमारी, चक्षु सिह रुपावत, ईशा जैन, अजय शर्मा, कुमुद द्विवेदी, महेश जोशी, हरीश प्रजापत, गगन रेगर, दीपेश और दीपक सालवी ने अपने अभिनय की छाप छोडी। साथ ही अशफ़ाक नूर खान पठान एवं रिषभ यादव ने सहयोग किया।

नाटक का सारांश

नुक्कड़ नाटक ‘‘सभा का सार” सरकारी एवं गैर सरकारी महकमें मे अक्सर होने वाली सभाओं पर आधारित हैं, जो बिना किसी उचित नतिजे के समाप्त हो जाती हैं। एसी ही एक सभा ‘शिक्षा और शिक्षण के नये आयामों पर चर्चा करने आयें लोग भी शिक्षा सम्बन्धित चर्चा को छोड़ देश में व्याप्त बाकी समस्याओ पर चर्चा कर लौट जाते हैं। जिससे इस सभा में हुआ खर्चा व्यर्थ हो जाता है।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal