गीतांजली हाॅस्पिटल में सिमुलेटर आधारित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पटल, उदयपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और जीई हैल्थकेयर के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘तिमाही अवलोकन - सिमुलेटर आधारित कार्यशाला’’ विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गीतांजली हाॅस्पिटल में हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन गीतांजली के डीन डाॅ. एफएस मेहता एवं सीईओ प्रतीम तम्बोली ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन से किया।
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पटल, उदयपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और जीई हैल्थकेयर के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘तिमाही अवलोकन – सिमुलेटर आधारित कार्यशाला’’ विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गीतांजली हाॅस्पिटल में हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन गीतांजली के डीन डाॅ. एफएस मेहता एवं सीईओ प्रतीम तम्बोली ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन से किया।
इस कार्यशाला में अमेरिकन काॅलेज ऑफ़ ऑब्सस्ट्रेशियन्स एण्ड गायनेकोलोजिस्ट के स्त्री एवं प्रसूति विभाग की सहायक प्राफेसर डाॅ. याल्दा अफसर, मेटरनल फेटल मेडिसिन के विशेषज्ञ डाॅ जाॅन ए आज़्मेक एवं डाॅ अर्पणा श्रीधर ने संभाग भर से आए स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों एवं पोस्ट स्नात्कोतर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया। यह प्रशिक्षिण, जीई विप्रो हैल्थकेयर द्वारा निर्मित इनोवेटिव सोल्यूशन पर आधारित अत्याधुनिक डमी जिसका उपयोग अल्ट्रा साउण्ड के लिए किया जाता है, के माध्यम से दिया गया। इस डमी में स्त्री एवं प्रसूति रोग के कई जटिल मामलों को पहले से प्रोग्राम्ड कर रखा है।
कार्यशाला में इन प्रोग्राम्ड जटिल मामलों की अल्ट्रा साउण्ड जांच एवं उनके उपचार विकल्पों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में अयोजित प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से नवीन तकनीकी एवं चिकित्सा पद्धति के ज्ञान का आदान-प्रदान हुआ।
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गीताँजली के साईओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि यह सिमुलेशन कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के लिए मान्यता प्राप्त है। इसके अतिरिक्त इसके माध्यम से जटिल मामलों को सजीव देखा व अनुभव किया जा सकता है, जिससे मेडिकल विद्यार्थी अधिक जांच में अधिक कुशल हो पाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग हो रही चिकित्सा पद्धति का उपयोग गीतांजली के विद्यार्थी उसी समय यहां कर पाएं यही हमारा उद्देश्य है।
इस कार्यक्रम में डाॅ. याल्दा अफसर ने सोनोग्राफी जांच में जुड़वां बच्चों में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। साथ ही, डाॅ. जाॅन ने भ्रूण की वृद्धि में अवरोध की जांच एवं उसके प्रबन्धन के अंतर्राष्ट्रीय दिशा निर्देशों के बारे में बताया।
जीई हैल्थकेयर के कन्सल्टेन्ट डाॅ. राजीव गिरवानी ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य मेडिकल विद्यार्थियों को अल्ट्रा साउण्ड तकनीक का मौलिक ज्ञान कराना, नवीन तकनीकी से अवगत कराना तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नवीन तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान करना है।
कार्यशाला में गीतांजली के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के प्रोफेसर एवं डेड डाॅ. अरूण गुप्ता, सिनियर प्रोफेसर डाॅ शारदा गोयल, प्रोफेसर डाॅ. अंजना वर्मा, असोसिएट प्रोफेसर डाॅ विमला धाकड़, डाॅ स्मिता बाहेती, डाॅ रिटा सक्सेना, डाॅ पूना गांधी, डाॅ नलिनी शर्मा, डाॅ सुष्मा मोगरी, डाॅ रामा चुण्डावत एंव डाॅ भामिनी जाखेटिया ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस कार्यशाला में 30-30 के चिकित्सकों के बैच बनाकर संभाग भर के 60 चिकित्सकों एवं मेडिकल विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। उदयपुर आब्स्ट्रेटिकस एण्ड गायनेकोलोजी सोसायटी इस कार्यशाला का पार्ट रहा।
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