दक्षिण राजस्थान की पहली एसीएलएस व बीएलएस वर्कशॉप गीतांजली में


दक्षिण राजस्थान की पहली एसीएलएस व बीएलएस वर्कशॉप गीतांजली में

गीतांजली हॉस्पिटल द्वारा आपातकाल की स्थिति से निपटने के लिए अमेरिका की अमेरीकन हार्ट असोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा सर्टिफिकेट कोर्स आयोजित किया गया जिससे यदि किसी भी कारण से किसी भी व्यक्ति की हृदयगति रूक जाए तो इस स्थिति में सीपीआर द्वारा जीवन बचाया जा सकता है का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कोर्स में चिकित्सक, पेरामेडिकल स्टाफ प्रशिक्षण ले रहे है।

 

दक्षिण राजस्थान की पहली एसीएलएस व बीएलएस वर्कशॉप गीतांजली में गीतांजली हॉस्पिटल द्वारा आपातकाल की स्थिति से निपटने के लिए अमेरिका की अमेरीकन हार्ट असोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा सर्टिफिकेट कोर्स आयोजित किया गया जिससे यदि किसी भी कारण से किसी भी व्यक्ति की हृदयगति रूक जाए तो इस स्थिति में सीपीआर द्वारा जीवन बचाया जा सकता है का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कोर्स में चिकित्सक, पेरामेडिकल स्टाफ प्रशिक्षण ले रहे है।

इस कोर्स का प्रशिक्षण मुंबई के लाइफ सपोर्टर्स इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज के कंसल्टेन्टस डॉ पर्सी भरूचा, डॉ मोहित गर्ग, डॉ मुल्ला व डॉ गणेश दे रहे है व इसके पश्चात् गीतांजली के इस कोर्स के कोर्स डायरेक्टर डॉ कमलेश भट्ट इस कोर्स को आगे बढ़ाएंगे व अधिक से अधिक लोगों को इस बेसिक लाइफ सपोर्ट का कोर्स सिखाएंगे। डॉ भट्ट ने बताया कि यह 3 दिवसीय वर्कशॉप है जो कि 2 वर्ष तक वैध होता है जिसमें मेडिकल एवं पेरामेडिकल स्टाफ को यह सिखाया जाएगा कि किस तरह यदि किसी भी कारण से किसी भी व्यक्ति की हृदयगति रूक जाए तो इस स्थिति में सीपीआर द्वारा जीवन बचाया जा सकता है।

दक्षिण राजस्थान की पहली एसीएलएस व बीएलएस वर्कशॉप गीतांजली में

इस प्रशिक्षण के दौरान बीएलएस व एसीएलएस सिखाया जा रहा है। बीएलएस का प्रशिक्षण मेडिकल, पेरामेडिकल व आम जनता को दिया जाता है और एसीएलएस मेडिकल व पेरामेडिकल लोगों के लिए है। इस कोर्स में प्रशिक्षुओं को हाई क्वालिटी सीपीआर, एईडी (हार्ट को फिर से चलाए जाने के लिए व शोक देने के लिए उपयोग में आने वाली मशीन) को इस्तेमाल जब तक कोई एडवांस्ड मेडिकल टीम न आ जाए, करना सिखाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित व्यक्ति को अमेरीकन हार्ट असोसिएशन का सर्टिफिकेट पात्रता परिक्षा के उपरान्त प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षित व्यक्ति कहीं भी अस्पताल या सार्वजनिक स्थल पर किसी जरूरतमंद की जान बचाने में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकता है।

दक्षिण राजस्थान की पहली एसीएलएस व बीएलएस वर्कशॉप गीतांजली में

यह कोर्स राजस्थान में केवल जयपुर में होता था और अब गीतांजली में भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कोड ब्लू सिस्टम के बारे में बताया कि जो कि गीतांजली हॉस्पिटल में बहुत जल्द विकसित किया जा रहा है जिससे कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में प्रशिक्षित टीम मात्र 3 मिनट के अंदर रोगी के पास पहुंचकर सीपीआर प्रदान कर जान बचाएगी। इसके तहत गीतांजली को प्रशिक्षण सेंटर बनाया जाएगा और भविष्य में स्कूल एवं कॉलेजों में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके व दूसरों की जान बचाने में वे भी सक्षम हो सके।

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