विद्या भवन पोलिटेक्निक महाविद्यालय में हुआ स्पिरिट ऑफ़ वोलंटरिस्म विषयक संवाद


विद्या भवन पोलिटेक्निक महाविद्यालय में हुआ स्पिरिट ऑफ़ वोलंटरिस्म विषयक संवाद

“स्वेच्छिकता का क्षेत्र सेवा भावना से जुड़ा हुआ है जो किसी तरह के लाभ का आकांक्षी नहीं है, ह्रदय तथा भावना को आधार मान कर जन साधारण की सेवा करने वाले संगठनो का विस्तार होना चाहिए। स्वेच्छिक सामाजिक समाज के विस्तार से ही समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है। समाज में स्पिरिट […]

 

विद्या भवन पोलिटेक्निक महाविद्यालय में हुआ स्पिरिट ऑफ़ वोलंटरिस्म  विषयक संवाद

“स्वेच्छिकता का क्षेत्र सेवा भावना से जुड़ा हुआ है जो किसी तरह के लाभ का आकांक्षी नहीं है, ह्रदय तथा भावना को आधार मान कर जन साधारण की सेवा करने वाले संगठनो का विस्तार होना चाहिए। स्वेच्छिक सामाजिक समाज के विस्तार से ही समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है। समाज में स्पिरिट ऑफ़ वोलंटरिस्म का व्यापीकरण होना चाहिए” – उक्त विचार समाज कर्मी नन्द किशोर शर्मा ने डॉ. मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित स्पिरिट ऑफ़ वोलंटरिस्म विषयक संवाद में व्यक्त किये।

विद्या भवन पोलिटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य अनिल मेहता ने कहा की सेवा का मार्ग चुनोतिपूर्ण है। भौतिकवादी व्यवस्था में पर पीड़ा की सतत अनुभूति ही स्वेच्छिक कार्यकर्त्ता व् संगठन को मजबूती प्रदान कर सकती है। झील संरक्षण समिति के सचिव डॉ तेज राजदान ने बताया की निः स्वार्थ सेवा भावना से ही जन सेवा एवं जन शिक्षण के कार्य में सफलता मिल सकती है। गाँधीवादी डॉ.सुशिल दसोरा ने कहा की समाज में व्याप्त असमानता ,गरीबी अशिक्षा ऐसे क्षेत्र है जिन पर नागरिक प्रयासों से ही विजय प्राप्त की जा सकती है।

संवाद में शिक्षाविद डॉ. बसंती लाल कुकड़ा ,वरिष्ट नागरिक एस. एल. तम्बोली, के डॉ. वि. के. सिंह ,एम्. एस. राठोड भवर सिंह राजावत आदि ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर स्वेच्छिकता पर फिल्म प्रदर्शन भी किया गया। संवाद का संचालन करते हुए नितेश सिंह ने धन्यवाद् ज्ञापित किया।

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