पकवानों की महक और सितार के सुरों से गुलजार हुआ ऋतु वसंत


पकवानों की महक और सितार के सुरों से गुलजार हुआ ऋतु वसंत

हवाला गांव स्थित गामीण परिसर शिल्पग्राम में एक ओर जहां पाक शिल्पियों के बनाये लजीज और स्वादिष्ट पकवानों की महक थी तो दूसरी ओर रंगमंच पर उस्ताद शुजात हुसैन खान के सितारों से अनुदित सुमधुर स्वर लहरियों ने ऋतु वसंत की शरद निशा को स्वर्णिम स्मृति सा बना दिया। मुक्ताकाशी रंगमंच पर शनिवार शाम उस्ताद शुजात हुसैन के सितार की तानों ने समां सा बांध दिया।

 

पकवानों की महक और सितार के सुरों से गुलजार हुआ ऋतु वसंत

हवाला गांव स्थित गामीण परिसर शिल्पग्राम में एक ओर जहां पाक शिल्पियों के बनाये लजीज और स्वादिष्ट पकवानों की महक थी तो दूसरी ओर रंगमंच पर उस्ताद शुजात हुसैन खान के सितारों से अनुदित सुमधुर स्वर लहरियों ने ऋतु वसंत की शरद निशा को स्वर्णिम स्मृति सा बना दिया। मुक्ताकाशी रंगमंच पर शनिवार शाम उस्ताद शुजात हुसैन के सितार की तानों ने समां सा बांध दिया।

पकवानों की महक और सितार के सुरों से गुलजार हुआ ऋतु वसंत

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित ‘‘फूड फेस्टीवल’’ तथा ऋतु वसंत आयोजन के चौथे दिन दिनभर फूड बाजार में लोगों की रौनक रही तथा लोगों ने अमृतसरी नान, कुलछा, छोले भटूरे, झुणका भाकर, लिट्टी चोखा, जलेबा, दाल बाटी गुलाब चूरमें आदि का रसास्वादन कर फूड फेस्टीवल का लुत्फ उठाया।

पकवानों की महक और सितार के सुरों से गुलजार हुआ ऋतु वसंत

शाम को शिल्पग्राम के कलांगन पर संगीत की महफिल में देश के जाने माने सितार वादक और उस्ताद विलायत खां के सुपुत्र शुजात हुसैन खान ने अपने सितार वादन से श्रोताओं के दिलों के तारों को झंकृत सा कर दिया। इमदादी घराने से ताल्लुक रखने वाले तथा अपनी विशिष्ट गायकी अंग को सितार वादन में सम्मिश्रित करने वाले शुजात खां ने अपने वादन की शुरूआत राग यमन कल्याण से की। जिसमें पहले उन्होंने राग का परिचायक आलाप प्रस्तुत किया तथा बाद में तीन ताल में निबद्ध यमन कल्याण पेश की। राग यमन कल्याण दो रागों यमन और कल्याण का मिश्रण है जिसे शुजात खां ने खूबसूरत अंदाज में प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध सा कर दिया।

पकवानों की महक और सितार के सुरों से गुलजार हुआ ऋतु वसंत

उस्ताद शुजात हुसैन की खासियत हैं वादन के साथ गायकी अंग जिसमें सितार से बोलों को निकाला जाता है। इस फन में माहिर शुजात ने अपने सहयोगी तबलानवीसों सपन अंजारिया व हेतल मेहता के साथ बखूबी प्रस्तुत किया। सितार के साथ जैसे ही शुजात हुसैन ने अपने कंठ से सुरों का बहाव प्रारम्भ किया तो दर्शक भाव विभिोर हो गये। शब्दों व आवाज़ की गहराई व भावों की सम्मिश्रणता के साथ तबले की संगत दर्शकों को भरपूर रास आई।

पकवानों की महक और सितार के सुरों से गुलजार हुआ ऋतु वसंत

अपने गायन के साथ-साथ सितार से झंकृत ध्वनि का सुंदर संयोजन न केवल कणप्रिय बन सका अपितु दर्शक व श्रोता उसमें विलीन से हो गये। इसके बाद शुजात खां ने लोक और सूफी गीतों की तान छेड़ी तो दर्शकों ने तालियां बजा कर अभिवान किया। सूफी गीतों पर दर्शक झूम उठे। दोनों तबलावादकों ने विलंबित, द्रुत ताल में कुशल संगत की। इससे पूर्व केन्द्र निदेशक फुरकान खान ने शुजात हुसैन खान तथा अतिथि कलाकारों का परिचय प्रस्तुत किया। प्रमुख शासन सचिव श्रीमती नील कमल दरबारी ने गुलदस्ता भेंट कर उस्ताद शुजात हुसैन का स्वागत किया।

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पांच दिवसीय आयोजन के आखिरी दिन रविवार शाम शिल्पग्राम के रंगमंच पर जानी मानी कत्थक गुरू नई दिल्ली की गीतांजलि लाल व उनके ग्रुप द्वारा कत्थक की प्रस्तुतियां दी जावेंगी।

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