भगवान विष्णु भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों मे है, वे त्रिकाल बाधित सत्य है। भगवान विष्णु की नाभि से ही ब्रम्हा की उत्पत्ति हुई और ब्रम्हा ने पुरी सृष्टि की रचना की। आदि नारायण भगवान ही मूल रूवरूप है। श्री नारायण भक्ति पंथ व्यक्ति पूजा के खिलाफ है और सिर्फ विष्णु की ही पुजा करता है। पंथ ना सिर्फ कथा के आयोजन करता है, बल्कि युवाओं को धर्म से जोडने और उनके व्यक्तित्व विकास के लिए शास्त्र और आचार संहिता के ज्ञान के साथ पिछले 2 सालों मे विभिन्न राज्यों के स्कूल, कॉलेज मे 1 लाख से ज्यादा युवाओं को सम्बोधित कर चुका है। धर्म और सनातन के प्रति लोगो मे जागरूकता पैदा करने के लिए यह बात श्री नारायण भक्ति पंथ के प्रवर्तक संत लोकेशनन्द महाराज ने शनिवार को भैरवगढ़ मे पत्रकारों से भेट वार्ता मे कही। लोकेशनन्द महाराज श्री नारायण भक्ति पंथ मेवाड़ द्वारा आयोजित भक्ति सत्संग महोत्सव – 2018 के तहत 15 से 21 जनवरी तक श्री विष्णु पुराण कथा का रसपान भक्तों को कराने के लिए उदयपुर पहँचे है। सात दिवसीय कथा का आयोजन भुवाणा स्थित आई.टी.पी. ऑफिस के गार्डन मे सुबह 10 से 1 बजे तक होगा।
बिरलो के भाग्य मे होता है कथा आयोजन
संत लोकेशानंद ने कहा कि विष्णु पुराण कथा यज्ञ का आयोजन बिरलों के ही भाग्य मे होता है। उदयपुर मे लोकेश, जितेश, योगेश और दुर्गेश कुमावत को यह सौभाग्य उनकी माता एवं कथा की मुख्य आयोजनकर्ता गीता देवी के भाग्य से प्राप्त हुआ है। पिता स्व. भंवरलाल कुमावत एवं माता गीता देवी द्वारा विष्णु पुराण कथा का आयोजन कराने की मंशा को आज चारों ही भाई एवं श्री नारायण भक्ति पंथ मेवाड़ कंधे से कंधा मिलाकर सफल बनाने मे लगे हुए है। इस आयोजन से सम्पूर्ण समाज को भक्ति, ज्ञान, समरसता की प्रेरणा मिलेगी। कथा के माध्यम से भक्तों को नर से नाराण की यात्रा का अनुभव होगा।
आयोजक योगेश कुमावत ने संत लोकेशानन्द महाराज के बारे मे बताया कि महाराज 15 वर्ष की आयु से भक्ति के मार्ग पर अग्रसर हुए और पिछले 21 सालों मे गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाण सहित देश के कई राज्यों मे सैंकड़ों कथाओं मे अपनी मधुर वाणी से भक्तों को धर्म की यात्रा करवा चुके है। महाराज अपनी कथाओं और युवाओं मे व्यक्तित्व विकास के माध्यम से पूरे देश मे शेश्याई नारायण भक्ति के प्रचार प्रसार का निरन्तर आगे बढ़ाने के लिए कटीबद्ध है।
दिव्य उत्सव बढ़ायेगें कथा की शोभा
आयोजक लोकेश कुमावत ने बताया कि सात दिवसीय श्री विष्णु पुराण कथा मे आने वाले विभिन्न प्रसंगों के दौरान ब्रह्मोत्सव, महालक्ष्मी उत्सव, भगवान विष्णु अवतार दर्शन और छप्पन भोंग महोत्सव कथा के प्रसंगों को जीवंत करेंगे। इन दिव्य उत्सवों को मनाने के लिए भक्तों द्वारा विशेष तरह की झांकिया कथा के प्रसंग अनुसार प्रस्तुत की जाएगी। कथा मे उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा, राजसमन्द, चित्तौड़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ आदि शहरों से हजारों भक्त आयोजन मे भाग लेंगे।
विष्णु अवतारों के साथ निकलेगी शोभायात्रा
आयोजक दुर्गेश कुमावत ने बताया कि कथा को लेकर 15 जनवरी को सुबह 9 बजे पुलां स्थित चारभुजा मंदिर से कथा स्थल तक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा मे भगवान विष्णु की अष्टधातू की 8 फिट की शैश्येया रूप की मूर्ति सहित भगवान विष्णु के 23 अवतारों की झांकिया रहेगी, जिसमे बच्चें ऊंट गाडिय़ों पर भगवान के विभिन्न स्वरूपों मे नजर आयेंगे। शोभायात्रा मे संत लोकेशानन्द महाराज का भी सानिध्य प्राप्त होगा। संत श्री विष्णु पुराण ग्रंथ के साथ विशेष रथ मे बिराजित होकर शोभायात्रा मे शांिमल होंगे।