पद्मश्री देवीलाल सामर नाट्य समारोह के पॉचवे दिन ‘‘ वेलकम जिंदगी ’’ का मंचन


पद्मश्री देवीलाल सामर नाट्य समारोह के पॉचवे दिन ‘‘ वेलकम जिंदगी ’’ का मंचन

सोम्य जोशी द्वारा लिखित मुल गुजराती नाटक वेलकम जिंदगी एक बेहतरीन नाटक है। पिता पुत्र के सम्बन्ध पर आधारित यह नाटक एक सामान्य परिवार की कहानी कहता है, सेवा निवृति की आयु वाले अरूण गनात्रा और उनकी समझदार पत्नी भानु गनात्रा उसके पुत्र विवेक गनात्रा की कहानी है

 
पद्मश्री देवीलाल सामर नाट्य समारोह के पॉचवे दिन ‘‘ वेलकम जिंदगी ’’ का मंचन

भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलाल सामर की स्मृति में छः दिवसीय नाट्य समारोह के पॉचवे दिन ‘‘वेलकम जिंदगी’’ का मंचन हुआ । कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन समार व मानद सचिव, रियाज तहसीन, अतिथि प्रसिद्व नाट्य निर्देशक एवं सचिव, चंडीगढ नाटक अकेडमी व डॉ लईक हुसैन ने संस्थापक पद्मश्री देवीलालजी सामर सा. की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ ।

संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर एवं मानद सचिव, रियाज तहसीन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल के 66वें स्थापना दिवस पर लोक कला मण्डल व दी परफॉरमर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नाट्य समारोह के पॉचवे दिन नाटक ‘‘वेलकम जिंदगी’’ प्रसिद्व लेखक सोम्य जोशी द्वारा लिखित एवं सुरेश भारद्वाज द्वारा निर्देशित, आकार कला संगम, नई दिल्ली एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के सहयोग से प्रस्तुति आरंभ हुई।

पद्मश्री देवीलाल सामर नाट्य समारोह के पॉचवे दिन ‘‘ वेलकम जिंदगी ’’ का मंचन सोम्य जोशी द्वारा लिखित मुल गुजराती नाटक वेलकम जिंदगी एक बेहतरीन नाटक है। पिता पुत्र के सम्बन्ध पर आधारित यह नाटक एक सामान्य परिवार की कहानी कहता है, सेवा निवृति की आयु वाले अरूण गनात्रा और उनकी समझदार पत्नी भानु गनात्रा उसके पुत्र विवेक गनात्रा की कहानी है। यह परिवार मुंबई में रहता है। मुद्दे कि बात यह है कि पिता पुत्र एक दुसरे का बहुत ध्यान रखते है और मन कि गहराई में जुडे है परन्तु अपने मन की बात को कह नही पाते, यह सिर्फ जनरेशन गेप नही है। यह नाटक भावुक्ता एवं मनोवैज्ञानिक दृष्टीकोण को दर्शाता है। जिसमें माता दोनो के बीच की दूरियो को पाटती है। नाटक में मंच पर भुमिकाओं में रमेश, अंजु , विवेक, किरणकुमार, रामप्रताप, सुमन, वीणा एवं राहिल थे ।

पद्मश्री देवीलाल सामर नाट्य समारोह के पॉचवे दिन ‘‘ वेलकम जिंदगी ’’ का मंचन

सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर ने बताया कि समारोह के अंतिम दिन 2 मार्च को सायं 7.30 बजे विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित एवं उमेशकांत द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘सखाराम बाइण्डर’’ की प्रस्तुति होगी ।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags