शिक्षा के मानक निर्धारित होंगे, तभी आएगी क्वालिटी: प्रो. आर नटराजन


शिक्षा के मानक निर्धारित होंगे, तभी आएगी क्वालिटी: प्रो. आर नटराजन

‘’हमें सबसे पहले शिक्षा के मानकों को निर्धारित करना होगा। तभी हम क्वालिटी एजुकेशन के कंसेप्ट को लागू कर पाएंगे। वर्तमान में हमारे पास शिक्षा व्यवस्था को लेकर किसी तरह का आधार नहीं है। यही कारण है कि वर्तमान में विश्व की टॉप सौ यूनिवर्सिटी में भी हमारा कोई स्थान नहीं है।‘’ - यह कहना है एआईसीटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आर नटराजन का। अवसर था, राजस्थान विद्यापीठ विवि की ओर से क्वालिटी एश्योरेंस पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का।

 

शिक्षा के मानक निर्धारित होंगे, तभी आएगी क्वालिटी: प्रो. आर नटराजन

‘’हमें सबसे पहले शिक्षा के मानकों को निर्धारित करना होगा। तभी हम क्वालिटी एजुकेशन के कंसेप्ट को लागू कर पाएंगे। वर्तमान में हमारे पास शिक्षा व्यवस्था को लेकर किसी तरह का आधार नहीं है। यही कारण है कि वर्तमान में विश्व की टॉप सौ यूनिवर्सिटी में भी हमारा कोई स्थान नहीं है।‘’ – यह कहना है एआईसीटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आर नटराजन का। अवसर था, राजस्थान विद्यापीठ विवि की ओर से क्वालिटी एश्योरेंस पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का।

प्रो. नटराजन ने कहा कि हमें स्कूल से ही शिक्षा के अलग अलग स्तरों को तय करना होगा, तभी कॉलेज स्तर तक की पहुंच बन पाएगी। प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में हुए इस आयोजन में कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि हमारी उच्च शिक्षा व्यवस्था में शोध कामों की काफी कमी है। उच्च शिक्षा प्राप्प्त करने के बाद विद्यार्थी अपना दायित्व पूरा समझ लेते हैं, जबकि विदेशों में रिसर्च पूरा नहीं होने की स्थिति में उच्च शिक्षा पूरी नहीं मानी जाती है। इसके अतिरिक्त रिसर्च के बाद विद्यार्थी को अध्यापक कर्म का पूरा अनुभव प्रदान किया जाता है। इसके लिए उन्हें पूरा समय भी दिया जाता है।

शिक्षा के मानक निर्धारित होंगे, तभी आएगी क्वालिटी: प्रो. आर नटराजन

सेमिनार में धीरुभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन गांधीनगर के निदेशक प्रो. एससी सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था तकनीकी आधारों से भी काफी दूर है; इसके लिए जरुरी है कि हमें टेक्नो फ्रेंडली होना होगा। बच्चों को बचपन से ही तकनीकी दक्षता में श्रेष्ठ बनाना होगा।

इस अवसर पर हैदराबाद इंजीनियरिंग कॉलेज के सलाहकार प्रो. एसके वर्मा ने कहा कि यूजीसी को भी इस मामले में गंभीरता दिखानी होगी। अपने स्तर पर मापदंड इस तरह के तैयार करने होंगे; जिनसे की शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन को देखा जा सके।

सेमिनार में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। सेमिनार में अकादमिक कार्यकर्ता, विषयों के विभागाध्यक्ष, प्रशासनिक अधिकारी एवं पॉलिसी मेकर्स ने हिस्सा लिया था।

शिक्षा के मानक निर्धारित होंगे, तभी आएगी क्वालिटी: प्रो. आर नटराजन

कार्यक्रम का संचालन हीना खान ने किया तथा धन्यवाद की रस्म रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा ने ज्ञापित किया।

इस अवसर पर डॉ. लक्ष्मीनारायण नंदवाना, प्रो. एनएस राव, प्रो. बीएल फडिय़ा, डॉ. सीपी अग्रवाल, डॉ.एसके मिश्रा, डॉ. हरिश शर्मा, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. ललित पांडे, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. शशि चित्तोड़ा, डॉ. बीपी शर्मा, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. मुक्ता शर्मा, डॉ. अम्या गोस्वामी, डॉ. मलय पानेरी, डॉ. सत्यभूषण नागर, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, डॉ. सुनील चौधरी, डॉ. हेमशंकर दाधीच एवं घनश्यामसिंह भींडर आदि उपस्थित थे।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags