बदलाव की शुरुआत स्वयम से करें – प्रो. एस एस सारंगदेवोत
"महिलाओं पर अत्याचार मानव अधिकार का हनन है, महिला नहीं है बेचारी अब पड़ेगी सब पर भारी, वक्त बदला है सोच बदलो समाज बदलो,
“महिलाओं पर अत्याचार मानव अधिकार का हनन है, महिला नहीं है बेचारी अब पड़ेगी सब पर भारी, वक्त बदला है सोच बदलो समाज बदलो, आज़ादी और सम्मान हमारा हक है, बदलाव की शुरुआत स्वयं से करें” – तख्तियों पर लिखे ये नारे राजस्थान विद्यापीठ विवि के प्रताप नगर परिसर में गुरूवार को महिला अध्ययन केंद्र तथा सोशल वर्क के छात्र छात्राओं ने पहले रैली निकाल कर विवि परिसर से प्रताप नगर चौराहे तक गूंजे, वहां मानव श्रंखला बनाकर सामाजिक सन्देश दिया।
इससे पूर्व कुलपति प्रो. एस एस सारंगदेवोत ने आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आज के बदलते परिवेश में हमें हमारी सोच में परिवर्तन करना होगा तथा महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से और अधिक जोड़ना होगा।
इस अवसर पर सोशल वर्क सेमीनार हाल में छात्राओं ने घरेलू हिंसा जैसे ज्वलंत मुद्दे पर नाटक का मंचन किया। इसमे 100 से अधिक छात्र छात्राओं ने बैनर पर महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से और अधिक जोड़ने के इस अभियान में अपना सहयोग देने का हस्ताक्षर कर संकल्प लिया।
इस अवसर पर महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक मंजू मांडोत ने महिलाओं की स्थिति पूर्व काल की अपेक्षा आज अधिक दयनीय हो गयी है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथी डॉ मनीष श्रीमाली थे। कार्यक्रम में डॉ अरुण पानेरी और डॉ चितरंजन नागदा, डॉ आर बी एस वर्मा, सुनील चौधरी, धर्म नारायण सनाढ्य, देवी लाल गर्ग एंव अवनीश नागर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन वीणा द्विवेदी ने किया।
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