डिजीटल लेनदेन पर प्रशिक्षण हेतु यूसीसीआई में राज्यस्तरीय कार्यशाला


डिजीटल लेनदेन पर प्रशिक्षण हेतु यूसीसीआई में राज्यस्तरीय कार्यशाला

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा व्यवसायियों को डिजिटल भुगतान पर प्रशिक्षण प्रद

 
डिजीटल लेनदेन पर प्रशिक्षण हेतु यूसीसीआई में राज्यस्तरीय कार्यशाला

‘‘घर या दुकान में तिजोरी नहीं, सिक्योरिटी गार्ड नही और चोरी का डर नहीं। जेब में पर्स नहीं तो जेब कटने का डर भी नहीं। खरीददारी करते समय सिर्फ एक मोबाईल हाथ में। क्या कोई कह सकता है कि डिजिटल लेनदेन में कोई नुकसान है।’’ उपरोक्त विचार श्री हंसराज चौधरी ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा व्यवसायियों को डिजिटल भुगतान पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये राज्यस्तरीय कार्यशाला एवं डिजी कैम्प का आयोजन उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में उपस्थित उद्यमियों एवं व्यापारियों को इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा व्यावसायिक लेनदेन केशलेस माध्यम से करने के तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यशाला के उदघाटन सत्र के दौरान यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने मोबाईल को एक उपयोगी उपकरण बताते हुए व्यवसायियों से डिजिटल लेनदेन इसके माध्यम से किये जाने का आह्वान किया। डिजिटल लेनदेन के लिये मोबाईल में पासवर्ड के बजाय फिंगर प्रिंट के इस्तेमाल करने से यह पूर्ण रूप से सुरक्षित है तथा विभिन्न कैशबैक योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, उदयपुर चेप्टर के चेयरमैन श्री एम.के. माथुर ने पश्चिमी देशों का उदाहरण देते हुए बताया कि देश में डिजीटल अर्थव्यवस्था के चलन से लाईसेन्स का नवीनीकरण जैसी प्रक्रियाएं घर बैठे सम्पन्न की जा सकती है। कलड़वास चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के पूर्वाध्यक्ष श्री मनोज जोशी ने व्यापारियों से बदलते समय के अनुरूप स्वयं को और अपने व्यापार को बदलने का आव्हान किया। श्री जोशी ने कहा कि कानून व्यवस्था के नाम पर प्रशासन द्वारा कई दिन तक इन्टरनेट बन्द करने से डिजीटल इण्डिया का सपना, एक सपना बनकर ही रह जायेगा।

कॉन्फीडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री के.एस. मोगरा ने व्यापार में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने तथा डिजिटल लेनदेन के लिये महिलाओं को प्रशिक्षित किये जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक 33 हजार करोड रुपये सालाना नये नोट छापने हेतु खर्च करता है। श्री मोगरा ने व्यापारियों की कैश हैण्डलिंग लागत एवं ट्रांजेक्शन लागत को कम करने में डिजिटल लेनदेन को आवश्यक बताया।

मानद महासचिव श्री जतिन नागौरी ने यूसीसीआई द्वारा जीएसटी के संदर्भ में उद्यमियों एवं व्यापारियों को डिजिटल लेनदेन से जोडने के लिये प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार किये जाने की योजनाओं की जानकारी दी। इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक श्री रामाराव देशपाण्डे ने सरकार की डिजिटल लेनदेन योजना के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला।

इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के उपनिदेशक श्री सन्दीप कुमार ने जानकारी दी कि इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का पाली में एक और केन्द्र इस वर्ष अगस्त माह में शुरु होगा। तकनिकी सत्र के दौरान इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विषय विशेषज्ञों द्वारा डिजीटल लेनदेन के विभिन्न तरीकों के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अन्त में डॉ. अशोक जेतावत ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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