“छात्र हित पहले संगठन बाद में", सरकार के खिलाफ छात्र नेताओं के स्वर मुखर
मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय केन्द्रीय छात्रसंघ के तत्वाधान में आयोजित प्रदेशभर के निर्वाचित छात्र नेताओं एव पदाधिकारियों की प्रान्तीय छात्र पंचायत में भाग लेने आए छात्र नेताओं ने आपसी मेलजोल बढ़ाने, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर छात्र हितों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का निर्णय किया।
मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय केन्द्रीय छात्रसंघ के तत्वाधान में आयोजित प्रदेशभर के निर्वाचित छात्र नेताओं एव पदाधिकारियों की प्रान्तीय छात्र पंचायत में भाग लेने आए छात्र नेताओं ने आपसी मेलजोल बढ़ाने, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर छात्र हितों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का निर्णय किया।
छात्र नेताओं ने छात्र हितों के लिए छात्र हित पहले, संगठन बाद में का संकल्प लिया तथा मौजूद छात्राएँ अहिंसा के पक्ष के बंद और तोड़फोड़ का विरोध करते हुए कहा हमें बम और विस्फोटकों की बात नहीं करनी चाहिए। जवाब में छात्र नेताओं ने कहा – “हमारा एकजुट होना ही विस्फोटक है”।
प्रान्तीय छात्र पंचायत के संयोजक एवं सुविवि छात्रसंघ अध्यक्ष अमित पालीवाल के अनुसार गुरूवार को राजस्थान कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित ‘छात्र पंचायत’ का सुखाडि़या विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी के मुख्य आतिथ्य में दीप-प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर प्रदेश भर से आए छात्र नेताओं का कुलपति ने स्वागत कर युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अग्रणी रहने का आह्वान किया।
उद्घाटन संत्र में अतिथियों की मौजूदगी में उपस्थित छात्र नेताओं ने ‘‘वर्तमान राजनीति परिप्रेक्ष्य में युवाओं की भूमिका’ विषय पर गहनता से मंथन कर राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका को प्रासंगिक माना तथा जिस देश का युवा जागृत होगा वही राष्ट्र प्रगति कर सकता है। उपस्थित निर्वाचित छात्र नेताओं ने अपने अपने अनोखी भाषण व वक्तव्य शैली में छात्र वर्ग की बात सशक्त मंच पर व्यक्त की। किसी बात को मनवाने के लिए भीड़तन्त्र की नहीं बल्कि सकारात्मक सोच की आवश्यकता है।
उदयपुर का ही उदाहरण देते हुए छात्र नेताओं ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा युवाओं को आगे नहीं बढ़ाने पर सरकार व निर्वाचन आयोग को 25 से 40 वर्ष तक युवा वर्ग को संसद, विधानसभा व स्थानीय चुनावों में पचास प्रतिशत आरक्षण युवाओं के लिए सभी वर्गों मे करने की मांग उठी। इसी तरह राजनीतिक संगठनों के किसी भी प्रत्याशी को केवल 3 बार ही चुनाव लड़ सके उसके पश्चात् वह संग्न में कार्य करे तो भ्रष्टाचार स्वतः समाप्त हो जायेगा।
चुनावों में पहले से नेता चुनकर संविधानीय प्रक्रियाओं को समाप्त किया जा रहा है तथा अगर देश में 18 वर्ष का युवा समझदारी से मतदान करने के अधिकारी है तो वह चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता। उसे 25 वर्ष होने पर ही चुनाव लड़ना कहाँ तक प्रासंगिक है। सत्ता की दिशा युवा तभी तय कर पायेगा जब स्वार्थपूर्ति राजनेता 60 वर्ष के पश्चात् राजनीतिक रिटायरमेंट की अनिवार्यता लागू होगी।
दोपहर में दूसरे प्रमुख विषय ‘भयावह बेरोजगारी, बढ़ते भ्रष्टाचार व राज्य की शैक्षिक स्थिति पर छात्रसंघों की सोच’ पर छात्र नेताओं ने बेबाकी से विचार व्यक्त करते हुए बेराजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर खूब तेवर दिखाए। सरकारों की युवा वर्ग के लिए कोइ्र ठोस नीति नहीं होती। युवाओं को केवल सरकारी भीख देकर उसकी ऊर्जा को व्यर्थ किया जा रहा है।
राजनीतिक अपराधी, क्रिमीनल केस में अभियुक्त, भ्रष्टाचार में लिप्त, कुचरित्र इत्यादि लोगों को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखा जावे तथा छात्र पंचायत में यह आम राय बनी कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर छात्र हितों को सर्वोपरि मानते हुए छात्रों की समस्याओं के लिए सभी मिलकर एकजुट प्रयास करेंगे। छात्रशक्ति की एकता में कमी के कारण सरकार व राजनेताओं द्वारा उनका इस्तेमाल करने पर चिन्ता व्यक्त की गई।
छात्र पंचायत में छात्रनेताओं ने चुनावों में पहली बार युवा छात्र मतदाताओं के जागरूकता व युवा वर्ग के उज्जवल भविष्य में सहायक ज्वलन्त समस्याओं के प्रति जागरूक प्रतयाशियों के पक्ष में माहौल बनाने का संकल्प लिया तथा विभिन्न राजनीति दलों व प्रत्याशियों पर निर्णायक दबाव बनाया जाएगा।
प्रान्तीय छात्र पंचायत के समापन समारोह के मुख्य अतिथि सुखाडि़या विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. आर. के राय ने प्रदेश भर से आए छात्रनेताओं का अभिनन्दन किया। प्रो. राय ने अपने संबोधन में छात्रनेताओं को संकल्पित करवाया कि पांच से अधिक बार चुनाव लड़े व भ्रष्टाचार, अपराधों में लिप्त राजनेताओं को छात्रों व युवाओं के सुन्दर भविष्य के लिए सत्ता से अलग होकर कुछ समय के लिए निस्वार्थ सेवा उसी तरह करनी चाहिए जिस तरह किसी नाव के रेत में फंस जाने पर उसे पानी में ले जाने के लिए नाविक को नाव से नीचे उतर कर उसे धक्का देना पड़ता है, उसी तरह स्वच्छ राजनीति को अंततः मूल्य एवं मुद्दे पर केन्द्रित बनाने के लिए यह समय की आवश्यकता अन्त में छात्रसंघ अध्यक्ष अमित पालीवाल व छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. डी. एस. चुण्डावत ने आभार व्यक्त किया।
छात्र पंचायत का संयोजन छात्रनेता सूर्यप्रकाश सुहालका ने किया। छात्रसंघ प्रवक्ता निखिल रांका ने बताया कि सम्मेलन के दौरान 38 महाविद्यालय अध्यक्ष सहित 72 महाविद्यालयों के छात्र संघ पदाधिकारी सहित 176 छात्रनेताओं ने पंजीकरण करवाया व चार दर्जन से अधिक छात्रनेताओं ने विचार व्यक्त किए।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal