दिल में घर कर गई संघर्ष से सफलता की कहानियां
जिन्दगी में सफलता पाने के लिए जोश, जज्ब और जुनून जरूरी है। उससे भी बढक़र सबको साथ लेकर चलने की कला और जिन्दगी की मूलभूत जरूरतों से जूझ रहे लोगों के जीवन में खुशियां बिखरेन का संकल्प होना चाहिए। परिस्थितियां चाहे जितनी विपरीत हो, हौसलों के पंख हमेशा कामयाबी की ओर ले जाते हैं। यह विचार आईआईएम उदयपुर में जोश टॉक्स की ओर से फेसबुक के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने व्यक्त किए। उन्होंने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव और उन सबके बीच सतत संघर्ष करते हुए सफलता प्राप्त करने तक की यात्रा को बहुत ही रोचक अंदाज में बयां किया।
जिन्दगी में सफलता पाने के लिए जोश, जज्ब और जुनून जरूरी है। उससे भी बढक़र सबको साथ लेकर चलने की कला और जिन्दगी की मूलभूत जरूरतों से जूझ रहे लोगों के जीवन में खुशियां बिखरेन का संकल्प होना चाहिए। परिस्थितियां चाहे जितनी विपरीत हो, हौसलों के पंख हमेशा कामयाबी की ओर ले जाते हैं। यह विचार आईआईएम उदयपुर में जोश टॉक्स की ओर से फेसबुक के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने व्यक्त किए। उन्होंने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव और उन सबके बीच सतत संघर्ष करते हुए सफलता प्राप्त करने तक की यात्रा को बहुत ही रोचक अंदाज में बयां किया।
उद्यमियों की कहानियां इतनी प्रेरणास्पद थी कि हर प्रेरक विचार पर प्रतिभागियों ने जमकर तालियां बजा उत्साहवर्धन किया। राहुल दुबे 19 वर्ष थे जब उन्होंने दिल्ली छोड़ दिया और उदयपुर जिले के एक दूरदराज के आदिवासी गांव में मुफ्त में काम करने लगे । आज वह इसी गांव में एक विद्यालय चला रहे है और युवाओं को अपनी शिक्षा पूरी करने, जल्दी शादी न करने और नौकरी ढूंढने की लिए प्रेरणा दे रहे हैं। उनकी उच्च उत्साही बात ने सबके दिलों में जगह बना ली ।
सात साल की उम्र में लब्धि सुराणा ने राजस्थान की सबसे छोटी स्केटिंग करने वाली और नेशनल चिल्ड्रन अवार्ड पाने वाली खिलाड़ी बन साबित कर दिया कि सफलता का कोई लेना-देना नहीं है। लब्धि ने कहा कि अपनी तैयारियों को हमेशा सच के खरे पैमाने पर परखते रहना चाहिए। पेशे से एक चाय विक्रेता, पवन दास वैष्णव प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित हैं, अपने लॉ कॉलेज में वे प्रेसिडेंट पद क लिए लड़े। डॉ प्रीती पंवार सोलंकी ने 2016 में एदिवा द्वारा श्रीमती इंडिया टैलेंटेड क्वीन सब्सटांस जीता। उसी वर्ष उन्हें श्रीमती यूनाइटेड नेशन में भाग लेने का मौका मिला। सन 2009 में कपिल शर्मा ने उदयपुर में फाइव स्पलैश शुरू किया, जिसका उद्देश्य उद्योग में क्या आवश्यक है और उनके लिए क्या पेशकश की जा रही है, उसके बीच अंतर को कम करना है। बीपीओ सेवा प्रदाता ने 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया और जोधपुर और अजमेर तक भी विस्तार किया है। उनकी यात्रा में दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
डॉ शिखा शर्मा आत्महत्या की रोकथाम के क्षेत्र में अपने काम के लिए एक अग्रणी परामर्श मनोवैज्ञानिक हैं। उन्होंने सभी को मानसिक स्वास्थ्य सलाह दी। अपने बॉलीवुड गीतों के लिए जाने जाते है, प्रियांश पालीवाल ने संगीत के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। उनके दिलचस्प अनुभवों ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। जे कुमार ने स्टॉल मालिक के रूप में में कॅरियर शुरू किया और लगभग 50 प्रकार के एग डिशेज का आविष्कार किया और उदयपुर के एग किंग का खिताब हासिल किया।
सशक्त महिला सरपंच कविता जोशी ने देश में महिलाओं की बढ़ती शक्ति और आत्मनिर्भरता पर एक संदेश दिया। पेशे से इतिहास शिक्षक ताज मोहम्मद रंगरेज़ ने बताया कि कैसे कौन बनेगा करोड़पति सीजन से 1 करोड़ रूपये जीतने के बाद उनका जीवन बदल गया। उन्होंने दो अनाथ लड़कियों के विवाह के लिए पुरस्कार राशि का इस्तेमाल किया। भारत की पहली महिला पुलिस गश्ती दल की सदस्य तुलसी डांगी और धर्म ने बताया कि भारत में स्कूलों, कॉलेजों, मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थानों में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बताया। पोषण विशेषज्ञ विंधिप मेथानी ने कॉर्पोरेट जगत से फिटनेस क्षेत्र में अपनी यात्रा की बात बताई तो आरजे हिमांशु जैन रेडियो जौकी के बारे में बताया।
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