गीतांजली कैंसर सेंटर में 87 वर्षीय वृद्ध की बड़ी आंत के कैंसर का सफल ऑपरेशन

गीतांजली कैंसर सेंटर में 87 वर्षीय वृद्ध की बड़ी आंत के कैंसर का सफल ऑपरेशन

 
गीतांजली कैंसर सेंटर में 87 वर्षीय वृद्ध की बड़ी आंत के कैंसर का सफल ऑपरेशन
डॉ. आशीष ने बताया वृद्धावस्था में भी रोगियों के जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक संभव है। ज़रूरत है सिर्फ जागरूकता की

उदयपुर। कोरोना महामारी के दौरान गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के कैंसर सेंटर में रोगियों के इलाज को गंभीरता से कोरोना के सभी चिकित्सकीय व प्रशासनिक मानकों को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से किया जा रहा है।   

भीलवाड़ा के रहने वाले 87 वर्षीय रोगी ने बताया कि लगभग 2 महीने से उनको कब्ज़ी की शिकायत थी व मल में खून भी आने लगा था। ऐसे में रोगी को भीलवाड़ा के स्थानीय डॉक्टर मनीष चौधरी को दिखाया गया, उनकी सलाह से रोगी की सोनोग्राफी की गयी जिसमे बड़ी आंत में कैंसर के कुछ लक्षण सामने आये परन्तु कैंसर की पुष्टि करने हेतु रोगी का सी.टी स्कैन किया गया। सी.टी स्कैन में बड़ी आंत में लगभग 6 सेंटीमीटर के ट्यूमर का पता चला जिसके कारण रोगी को कई परेशनियों का सामना करना पड़ रहा था जैसे कि खाना खाने में दिक्कत होना, पेट फूलना, घबराहट होना इत्यादि। ऐसे में किसी भी समय आंत में छेद होने का डर था जिससे आपातकाल की स्थिति बन सकती थी। 

गीतांजली कैंसर सेंटर आने पर रोगी के बेहतर इलाज के लिए ट्यूमर बोर्ड में मेडिकल, सर्जिकल व रेडिएशन के डॉक्टर्स की टीम ने रोगी के ऑपरेशन के विकल्प को चुना गया। परन्तु इसके पहले रोगी की कोलोनोस्कोपी गैस्ट्रोलोजिस्ट डॉ. पंकज गुप्ता द्वारा की गयी। कोलोनोस्कोपी द्वारा रोगी की बड़ी आंत में बायं तरफ़ ट्यूमर की पुष्टि हुई। ट्यूमर के ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाली टीम में ऑन्कोलॉजी सर्जन डॉ. आशीष जाखेटिया, डॉ.अरुण पांडेय, डॉ.शांतनु, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. नवीन पाटीदार, स्टॉफ से अविनाश, राजू, उत्तम व अनिल टीम में शामिल हैं। 

डॉ. आशीष ने बताया कि रोगी की सर्जरी की में 2 सबसे बड़ी चुनोतियाँ थीं

  • रोगी की वृद्धावस्था। 
  • रोगी की गत वर्ष हुई बायपास सर्जरी। 

डॉ. आशीष ने यह भी बताया वृद्धावस्था में भी रोगियों के जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक संभव है। ज़रूरत है सिर्फ जागरूकता की जिसमें रोगी को सही समय पर डॉक्टर को दिखायें क्यूंकि व्यक्ति वृद्ध है, उसका इलाज नही हो सकेगा यह आज के सन्दर्भ में बिलकुल गलत धारणा है, जिसका प्रमाण 87 वर्षीय रोगी का सफल ऑपरेशन है। कोरना काल में बहुत से जोखिमों के बीच वृद्ध रोगी को ऑपरेशन के 8 दिन पश्चात् छुट्टी दे दी गयी है, रोगी अभी खुश है,स्वस्थ है व अपने नित्य कार्य कर रहे है व आराम से भोजन खा पी रहे हैं। 

ज्ञात करा दें कि गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर पिछले 13 वर्षों से सतत् रूप एक ही छत के नीचे कैंसर की सभी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है और आगे भी देता रहेगा। 

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal