गंभीर दुर्घटना के शिकार बच्चे का सफल आॅपरेशन

गंभीर दुर्घटना के शिकार बच्चे का सफल आॅपरेशन

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जन डाॅ अतुल मिश्रा ने 14 वर्षीय बच्चे के दुर्घटना में गंभीर घायल होने पर दो स्टेज में आॅपरेशन कर सामान्य जीवन प्रदान किया। घर में ही खेल रहा बांसवाड़ा निवासी हितेश (उम्र 14 वर्ष) अचानक दीवार से नीचे गिर गया जहां निर्माणाधीन इमारत का सरिया बच्चे के गुदे को चोट पहुँचाते हुए पेट में जा घुसा। इससे बच्चे की बड़ी आंत का निचला हिस्सा बुरी तरह फट गया। ऐसी गंभीर स्थिति में परिजन उसे गीतांजली हाॅस्पिटल लाए और आईसीयू में भर्ती किया।

 

गंभीर दुर्घटना के शिकार बच्चे का सफल आॅपरेशन

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जन डाॅ अतुल मिश्रा ने 14 वर्षीय बच्चे के दुर्घटना में गंभीर घायल होने पर दो स्टेज में आॅपरेशन कर सामान्य जीवन प्रदान किया। घर में ही खेल रहा बांसवाड़ा निवासी हितेश (उम्र 14 वर्ष) अचानक दीवार से नीचे गिर गया जहां निर्माणाधीन इमारत का सरिया बच्चे के गुदे को चोट पहुँचाते हुए पेट में जा घुसा। इससे बच्चे की बड़ी आंत का निचला हिस्सा बुरी तरह फट गया। ऐसी गंभीर स्थिति में परिजन उसे गीतांजली हाॅस्पिटल लाए और आईसीयू में भर्ती किया।

पीडियाट्रिक सर्जन डाॅ अतुल मिश्रा द्वारा रात को ही आपातकालीन सर्जरी की गई। डाॅ मिश्रा ने बताया कि पूरे पेट में मल फैला था। आंतों की सफाई एवं मरम्मत में 3 घंटें का समय लगा। इसी प्रथम चरण के आॅपरेशन के दौरान बच्चे की कोलोस्टोमी की गई। पूर्ण एवं समर्पित देखभाल तथा चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बाद बच्चा खतरे से बाहर आया। तत्पश्चात् दूसरे चरण की सर्जरी की गई जिसमें कोलोस्टोमी बंद कर सामान्य (पूर्वव्रत) किया गया। बच्चा अब पूर्णतः स्वस्थ है एवं अन्य बच्चों की तरह ही मल-मूत्र त्याग करेगा। इस जटिल सर्जरी में डाॅ मिश्रा के अलावा डाॅ अनिल, डाॅ राजेंद्र, डाॅ ललिता, ओटी स्टाफ कामना, महेंद्र, फिरोज, सरिता एवं वार्ड इंचार्ज पूर्णिमा का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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क्या होती है कोलोस्टोमी?

डाॅ अतुल मिश्रा ने बताया कि कोलोस्टोमी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कुछ विशेष परिस्थितियों में आंत को पेट पर खोल दिया जाता है जिससे आगे की बीमार आंतों को ठीक होने का समय मिल सके। इसमें अस्थायी रुप से मल द्वार को पेट के यहां बना दिया जाता है। आम तौर पर इस बच्चे जैसी स्थिति होने पर इसी प्रक्रिया द्वारा इलाज किया जाता है। इस बच्चे में भी आंतों को ठीक कर, सभी क्षतिग्रस्त भागों का पुर्ननिर्माण और कोलोस्टोमी कर बच्चे को नया एवं सामान्य जीवन प्रदान किया गया जिससे अब वह पूरी तरह स्वस्थ है और निकट भविष्य में भी उसे कोई परेशानी नहीं होगी। बच्चे का इलाज राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया।

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