भण्डारी बाल चिकित्सालय में हुआ एक किलो के बच्चे में हार्ट का सफल आॅपरेशन


भण्डारी बाल चिकित्सालय में हुआ एक किलो के बच्चे में हार्ट का सफल आॅपरेशन

शहर के सबसे पुराने भण्डारी बाल चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने मात्र एक किलो वजनी बच्चे में हार्ट सर्जरी कर अनूठा काम क

 
भण्डारी बाल चिकित्सालय में हुआ एक किलो के बच्चे में हार्ट का सफल आॅपरेशन

शहर के सबसे पुराने भण्डारी बाल चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने मात्र एक किलो वजनी बच्चे में हार्ट सर्जरी कर अनूठा काम किया है। इतने कम वजनी व तीन दिन के बच्चे में इस तरह की सर्जरी बहुत क्रिटिकल होती है। बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है और ब्रेस्ट फीडिंग भी करने लगा है।

यह जानकारी हॉस्पिटल के निदेशक व वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. भण्डारी व हरित भण्डारी ने प्रेस कांफ्रेंस में दी। नवजात बच्चों के विशेषज्ञ डॉ. भानू देवपुरा ने बताया कि गत 5 फरवरी को परिवर्तित नाम श्रीमती मंजू ने दो नवजात शिशुओं को जन्म दिया। दोनों का वजन एक किलो से कम था। इस पर दोनों बच्चों की एनआईसीयू में गहन देखभाल की गई। एक माह तक गहन देखभाल के बाद एक बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया तो दूसरे बच्चे के हार्ट में समस्या आई। जांच में सामने आया कि बच्चे में जन्मजात पीडीए नामक नली खुली थी। यही हृदय एवं फेफड़ों की ब्लड आपूर्ति को जोड़ती है। आमतौर पर यह नली जन्म के कुछ दिनों के बाद बंद हो जाती है लेकिन कम वजन से इसमें खुली रह गई। इसे दो बार दवाइयों से बंद करने की कोशिश की गई लेकिन वह सफल नहीं रहा। फेफड़ों में ज्यादा रक्त संचार होने से सांस की तकलीफ बढ़ रही थी। इस पर एनआईसीयू को ही आॅपरेशन थियेटर बनाते हुए बच्चे की सर्जरी कर उसे जीवनदान दिया गया। यह सर्जरी भण्डारी बाल चिकित्सालय के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरित भण्डारी, नवजात बच्चों के विशेषज्ञ डॉ. भानू देवपुरा के मार्गदर्शन में गीतांजली हॉस्पिटल के डॉ. संजय गांधी की टीम ने की।

डॉ. भण्डारी ने बताया कि 23 वर्ष पुराने एक कमरे के आउटडोर से शुरू हुए इस हॉस्पिटल में 70 शय्याएं हैं। नई तकनीक और अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित इस हॉस्पिटल में हाल ही किड्स डवलपमेंट सेंटर की सेवा शुरू की है जहां श्रवण शक्ति की जांच सुविधा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार बहरेपन की जांच तीन माह में और इलाज छह माह में शुरू हो जाना चाहिए। इस सेंटर पर बच्चे के शारीरिक मानसिक विकास के लिए काउंसलिंग की जाती है। क्रिटिकल केयर में राजस्थान के एकमात्र डीएम पिडिएट्रिक डॉ. पुनीत जैन की सेवाएं शुरू हो गई है। हॉस्पिटल में प्रसव उपरान्त सही तरीके से मां का दूध पिलाने के लिए यहां ब्रेस्ट फीडिंग तकनीक के बारे बताया जाता है। इसके लिए अलग से कक्ष एवं स्टाफ है।

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