GMCH में हुआ वृद्ध रोगी के ह्रदय का बायपास व दिमाग की बंद धमनी का एकसाथ सफल ऑपरेशन


GMCH में हुआ वृद्ध रोगी के ह्रदय का बायपास व दिमाग की बंद धमनी का एकसाथ सफल ऑपरेशन

 
GMCH में हुआ वृद्ध रोगी के ह्रदय का बायपास व दिमाग की बंद धमनी का एकसाथ सफल ऑपरेशन
गीतांजली हॉस्पिटल के हृदय रोग विभाग में हुआ

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में कोरोना महामारी के समय भी सुरक्षित चिकित्सकीय नियमों का पालन करते हुए निरंतर आवश्यक इलाज किये जा रहे हैं। गीतांजली कार्डियक सेंटर द्वारा 74 वर्षीय वृद्ध का अथक प्रयासों से सफल ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर्स की टीम में कार्डियक थोरेसिक एवं वेसक्यूलर सर्जन डॉ. संजय गांधी, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. पार्थ वाघेला, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. अंकुर गांधी, डॉ. कल्पेश मिस्त्री, डॉ. विपिन सिसोदिया, डॉ. अर्चना देवतारा, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रमेश पटेल, न्यूरो वासक्युलर इन्टरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ. सीताराम बारठ शामिल हैं।   

जैसा की हम जानते हैं कि चिकित्सा विज्ञान में निरंतर आविष्कारों और खोजों के बाद नई तकनीकों का जन्म होता रहता है। ऐसी तकनीकों को प्रोयाग करने में, तथा गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में आने वाले ह्रदय रोगियों को ठीक करने के लिए गीतांजली कार्डियक टीम के डॉक्टर सदैव तत्पर व प्रतिबध रहते हैं। 

राजसमंद निवासी 74 वर्षीय रोगी को कुछ माह से खाने, चलने, नहाने व सोने में या कोई भी शारीरिक गतिविधि करने में घबराहट और छाती में दर्द होना जैसी समस्याओं के साथ भर्ती किया गया। रोगी ने बतया कि वह गीतांजली हॉस्पिटल आने से पूर्व अहमदाबाद भी गया था वहां भी उसकी एंजियोग्राफी की गयी परन्तु रोगी ने वहां ऑपरेशन ना कराकर राजसमंद वापिस लौट आया। रोगी गंभीर ह्रदय की बीमारी से ग्रसित था इसलिए उसे गीतांजली हॉस्पिटल लाया गया। सर्वप्रथम रोगी की एंजियोग्राफी की गयी जिसमे कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज़ की पुष्टि हुई। 

रोगी ने बताया कि उसकी अन्य निजी हॉस्पिटल में एक वर्ष पूर्व एंजियोप्लास्टी भी हो चुकी है व एक नाड़ी में स्टेंट भी डाला जा चुका है, गीतांजली हॉस्पिटल की जांच में पाया गया कि रोगी का स्टेंट ब्लाक हो चुका है और ह्रदय की दूसरी नाड़ियों में भी रुकावट थी इसलिए उसे बायपास सर्जरी की सलाह दी गयी। 
 
डॉ. संजय गाँधी ने बताया कि जब भी किसी रोगी की बायपास सर्जरी की जाती है उसके पहले सम्पूर्ण शरीर का परीक्षण व जांचे कर सुनिश्चित किया जाता है कि रोगी के शरीर में किसी तरह की कोई और समस्या तो नही एवं साथ ही अल्ट्रासाउंड द्वारा मस्तिष्क में धमनियों के रक्तप्रवाह की भी जाँच की जाती है।  इसी नियमानुसार रोगी की सभी जांचे हुई परन्तु अल्ट्रासाउंड में पाया कि रोगी की मस्तिष्क की दोनों धमनियाँ में भी पूरी तरह से रुकावट आ चुकी थी। रोगी की मस्तिष्क की धमनियों की सी.टी एंजियोग्राफी की गयी जिसमे कैरोटिड धमनियों में पूरी तरह से रुकावट की पुष्टि हुई। 

क्यों जटिल था यह मामला:

डॉ. संजय गाँधी ने कहा कि रोगी के ह्रदय की सबसे मुख्य नाड़ी (लेफ्ट मेन) में रुकावट हो, स्टंट ब्लाक हो, तीनो नाड़ियाँ भी बंद हो और साथ में मस्तिष्क की दोनों धमनियाँ बंद हो और उम्र अधिक हो ऐसे में मरीज के लिए खतरा बहुत बढ़ जाता है। ऐसे में बायपास सर्जरी की जाये तो लकवा होने का डर रहता है और यदि दिमाग की धमनियों का ऑपरेशन करे तो हार्ट अटैक आने का डर रहता है। इन दोनों परिस्तिथियों को समझते हुए रोगी के परिवार से सलाह मशवरा किया गया और रोगी की दोनों बिमारियों का इलाज एकसाथ करने का निर्णय लिया गया। 

रोगी की सी.टी एंजियोग्राफी को न्यूरो वासक्युलर इन्टरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ. सीताराम बारठ ने देखने के पश्चात् यही सलाह दी कि दोनों ऑपरेशन साथ होना आवश्यक हैं ऐसा ना होने पर रोगी को ऑपरेशन के दौरान या ऑपरेशन के बाद लकवा होने का भय बना रहेगा। 

रोगी की बायपास सर्जरी के साथ दिमाग की धमनियाँ जो बुरी तरह से ब्लाक हो चुकी थी उन्हें भी ओपन ऑपरेशन करके खोल दिया गया, इसे कैरोटिड एंडार्टेक्टॉमी (कैरोटिड एंडार्टेक्टॉमी सर्जरी मस्तिष्क में सामान्य रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए किया जाता है ताकि स्ट्रोक को रोका जा सके) कहते हैं। 
 
डॉ. संजय गाँधी ने बताया कि वह इस तरह के बायपास व दिमाग की धमनियों के दस संयुक्त ऑपरेशन उदयपुर में कर चुके हैं, परन्तु उन रोगियों की दिमाग की दोनों धमनियों में रुकावट न होकर एक ही धमनी में रुकावट थी और जबकि इस रोगी की मस्तिष्क की दोनों धमनियों में रुकावट थी जिस कारण इस रोगी में यह संयुक्त ऑपरेशन और भी चुनोतिपूर्ण था। परन्तु गीतांजली की कार्डियक सर्जरी की टीम ने इस रोगी का सफलतापूर्वक दोनों संजीदा ऑपरेशन एकसाथ एक ही समय पर करके उसे अंजाम दिया। रोगी अभी स्वस्थ है, और अब वह सामान्य दिनचर्या का निर्वहन करने हेतु पूरी तैयार हैं। 

जी.एम.सी.एच सी.ई.ओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि गीतांजली मेडिसिटी पिछले 13 वर्षों से सतत् रूप से मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में परिपक्व होकर चुर्मुखी चिकित्सा सेंटर बन चुका है| यहाँ एक ही छत के नीचे जटिल से जटिल ऑपरेशन एवं प्रक्रियाएं निरंतर रूप से कुशल डॉक्टर्स द्वारा की जा रही हैं। 

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