40 वर्षीय रोगी के किडनियों के ऊपर स्थित दुर्लभ ट्यूमर का हुआ सफल इलाज

40 वर्षीय रोगी के किडनियों के ऊपर स्थित दुर्लभ ट्यूमर का हुआ सफल इलाज

अभी हाल ही में 40 वर्षीय रोगी के दुर्लभ ट्यूमर का सफल ऑपरेशन करके रोगी को नया जीवन प्रदान किया गया। 
 
GMCH

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में आने वाले रोगियों को मल्टी डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण द्वारा इलाज किया जाता है। अभी हाल ही में 40 वर्षीय रोगी के दुर्लभ ट्यूमर का सफल ऑपरेशन करके रोगी को नया जीवन प्रदान किया गया। 

इस हाई रिस्क ऑपरेशन को कैंसर सर्जन डॉ. आशीष जखेटिया, डॉ. अरुण पाण्डेय एवं एनेस्थिस्ट डॉ . नवीन पाटीदार द्वारा किया गया| डॉ. नवीन पाटीदार द्वारा रोगी के हाई ब्लड प्रेशर को इंट्राऑपरेटिव संचालित किया गया। ऑपरेशन के दौरान कैंसर विभाग के साथ हृदयरोग विभाग के डॉ. रमेश पटेल, एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के डॉ. ओंकार वाघ के अथक प्रयासों से इसे सफलतापूर्वक किया गया। 

डॉ. आशीष जखेटिया ने बताया कि रोगी जब गीतांजली हॉस्पिटल आया तब वह पहले हृदयरोग विभाग में गया, रोगी कि पल्स रेट अनियंत्रित हो रही थी और साथ ही ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था। डॉ. रमेश पटेल द्वारा रोगी की जांच की गयी, जब उन्हें रोगी के हार्ट में कोई बीमारी नही मिली तो उन्होंने बाकी कारणों को ढूँढना शुरू किया। उसमे ये पाया गया कि रोगी किडनी के उपर की ग्रंथि जिसे एड्रिनल कहते हैं में दोनों ही तरफ की किडनी पर 8 सेंटीमीटर से बड़े मासेस बन गये थे। रोगी के खून की जाँच हुई एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. ओंकार वाघ ने भी रोगी का परिक्षण किया। कैंसर सर्जन व उनकी टीम द्वारा रोगी निरिक्षण के दौरान पता लगा कि ये दोनों गांठे दुर्लभ ट्यूमर हैं जिसे फियोक्रोमोसाइटोमा कहते हैं।

ये ट्यूमर काफी घातक सिद्ध हो सकते हैं क्यूंकि बढे हुए ब्लड प्रेशर, व अनियंत्रित हार्ट रेट की वज़ह से रोगी को किसी भी तरह की समस्या कभी भी आ सकती है। इस तरह के ट्यूमर का इलाज चुनौतीपूर्ण होता है एवं विकल्प प्रायः ऑपरेशन होता है। रोगी के ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने पर इस तरह के ट्यूमर में रक्त स्त्राव और बढ़ जाता है जिसकी वजह से ऑपरेशन के दौरान रोगी का ब्लडप्रेशर कई गुना बढ़ जाता है एवं हार्ट अटैक, स्ट्रोक भी आ सकता है। दोनों एड्रिनल में एक साथ ऑपरेशन करना बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है क्यंकि ये ग्रंथियां मानव शरीर में जीवन रक्षक स्टेरॉयड का भी निर्माण करती है। ऐसे में दोनों एड्रिनल को हटाकर ऑपरेशन के बाद में रोगी का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इन सब चुनौतियों के बाद भी रोगी का सफल इलाज हुआ अब रोगी बिल्कुल स्वस्थ है एवं हॉस्पिटल द्वारा छुट्टी मिल चुकी है। 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल पिछले सतत् 14 वर्षों से एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सेवाएं दे रहा है और चिकित्सा क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करता आया है, गीतांजली हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर्स व स्टाफ गीतांजली हॉस्पिटल में आने प्रत्येक रोगी के इलाज हेतु सदेव तत्पर है। 

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