गीतांजली हॉस्पिटल उदयपुर में पोर्टल वेन सटेंटिंग द्वारा आंत में रक्त स्त्राव का हुआ सफल इलाज


गीतांजली हॉस्पिटल उदयपुर में पोर्टल वेन सटेंटिंग द्वारा आंत में रक्त स्त्राव का हुआ सफल इलाज
 

 
गीतांजली हॉस्पिटल उदयपुर में पोर्टल वेन सटेंटिंग द्वारा आंत में रक्त स्त्राव का हुआ सफल इलाज

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में कोरोना महामारी से जुड़े सभी आवश्यक नियमों का गंभीरता से पालन करते हुए रोगियों का सावधानीपूर्वक निरंतर रूप से इलाज किया जा रहा है। न्यूरोसाइंसेस टीम के न्यूरो वासक्युलर इन्टरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ. सीताराम बारठ, गैस्ट्रोलोजिस्ट डॉ. धवल व्यास एवं टीम, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. करुणा, डॉ. नेहा, डॉ. मानव, कैथ लैब व सी.सी.यू स्टाफ के अथक प्रयासों द्वारा इ.एच.पी.वी.ओ (एक्स्ट्राहीपेटिक पोर्टल वेन ओब्सट्रकशन) की तकलीफ से जूझ रहे रोगी का सफल उपचार किया गया।

प्रतापगढ़ निवासी 36 वर्षीय रोगी ने बताया कि कुछ माह से मल का त्याग करते समय खून का स्त्राव भी होने लगा जिस कारण वह अपनी दैनिक गतिविधियों को करने में असमर्थ था जैसे हर समय चक्कर आना, खड़े होने व चलने में असमर्थता, चूँकि रोगी पेशे से नाई है वह इस बीमारी के चलते अपने जीवनयापन के लिए कुछ नही कर पा रहा था। तकलीफ बहुत ही ज्यादा बढ़ जाने पर रोग वहीँ के स्थानीय हॉस्पिटल में पुनः दिखाने गया, रोगी की स्थिति को देखते हुए प्रतापगढ़ के स्थानीय डॉक्टर ने सभी सुविधाओं से लेस गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर जाने की सलाह दी।  

क्या था मसला?

डॉ. सीताराम बारठ ने बताया कि रोगी मल के साथ खून की आने की परेशानी के साथ गीतांजली हॉस्पिटल आया, गैस्ट्रोलोजिस्ट डॉ. धवल व्यास द्वारा रोगी की एंडोस्कोपी व सी.टी. स्कैन किया गया। जाँच में पाया गया कि कुछ छोटी नसें छोटी आंत में फूल चुकी थी, जिसका मुख्य कारण लीवर में जाने वाली मुख्य नस जिसे कि पोर्टल वेन कहते हैं में उत्पन्न रुकावट के फलस्वरूप साथ ही साइड ब्रान्चेस खुल गयी थी। कोलेट्रल नसों में प्रेशर बढ़ने की वजह से ही खून का स्त्राव हो रहा था और मुख्य नस बंद पड़ी थी। 

लीवर के द्वारा मुख्य पोर्टल नस की डॉ. बारठ द्वारा स्टेंटटिंग कर रुकावट को खोल दिया गया, जिससे खून का सामान्य प्रवाह चालू हो गया। इसे इ.एच.पी.वी.ओ (एक्स्ट्राहीपेटिक पोर्टल वेन ओब्सट्रकशन) के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी सामन्यतया बहुत ही दुर्लभ है। रोगी अब पूर्णतया रोगमुक्त है एवं सात दिन पश्चात् छुट्टी दे दी गयी है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गीतांजली हॉस्पिटल एक मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल है, यहाँ प्रत्येक स्पेशलिटी की उपलब्धता होने का फायेदा आने वाले सभी रोगियों को पूर्णतया मिलता है क्यूंकि यहाँ एक ही छत के नीचे सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं जिससे कि जटिल से जटिल ऑपरेशन एवं प्रक्रियाएं निरंतर रूप से कुशल डॉक्टर्स द्वारा की जा रही हैं। जैसा कि इस रोगी की स्थिति में देखा गया, इन्टरवेंशनल रेडियोलोजी एवं गैस्ट्रोलोजी विभाग के कुशल डॉक्टर्स के संयुक्त प्रयासों से रोगी रोमुक्त हो सका। गीतांजली मेडिसिटी पिछले 13 वर्षों से सतत् रूप से मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में परिपक्व होकर चुर्मुखी उत्कृष्ट चिकित्सा सेंटर बन चुका है। 
 

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