गीतांजली कैंसर सेंटर में पहली बार पेरीऑपरेटिव इंटरस्टिशियल ब्रेकीथेरेपी द्वारा कैंसर की गांठ का सफल इलाज


गीतांजली कैंसर सेंटर में पहली बार पेरीऑपरेटिव इंटरस्टिशियल ब्रेकीथेरेपी द्वारा कैंसर की गांठ का सफल इलाज

 
गीतांजली कैंसर सेंटर में पहली बार पेरीऑपरेटिव इंटरस्टिशियल ब्रेकीथेरेपी द्वारा कैंसर की गांठ का सफल इलाज
गीतांजली कैंसर सेंटर में पहली बार पेरीऑपरेटिव इंटरस्टिशियल ब्रेकीथेरेपी की गयी

कोरोना महामारी के दौरान गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में कोरोना के प्रशासकीय व चिकत्सकीय मापदंडों को ध्यान में रखते हुए निरन्तर रूप से रोगियों के इलाज किये जा रहे हैं। गीतांजली कैंसर सेंटर में 60 वर्षीय रोगी की पीठ पर कैंसर की गांठ का सफल ऑपरेशन कर रोगी को नया जीवन प्रदान किया। रोगी के गीतांजली कैंसर सेंटर आने पर नियमानुसार ट्यूमर बोर्ड में कैंसर के तीनो विभाग सर्जरी, रेडिएशन व मेडिकल डॉक्टर्स की टीम द्वारा रोगी व उसके परिवार के साथ मीटिंग की गयी जिसमे रोगी की स्थिति के अनुसार सर्वोत्तम इलाज पर निर्णय लिया गया। 

60 वर्षीय चित्तोडगढ निवासी राजेश कुमार (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उनकी पीठ में गाँठ होने पर चित्तोडगढ के स्थानीय डॉक्टर द्वारा गाँठ का ऑपरेशन कर गाँठ हटा दी गयी। परन्तु मात्र 20 दिनों में गाँठ पुनः उत्पन्न हो गयी, ऐसे में स्थानीय डॉक्टर के सुझाव पर रोगी को गीतांजली कैंसर सेंटर लाया गया। बायोप्सी की जाँच में कैंसर की गांठ की पुष्टि हुई। 

कैंसर सर्जन डॉ. आशीष जाखेटिया व डॉ. अरुण पांडेय व रेडिएशन स्पेशलिस्ट डॉ. रमेश पुरोहित के अथक प्रयासों से ट्यूमर बोर्ड के निर्णयानुसार रोगी की पीठ से कैंसर की गांठ को सर्जरी द्वारा हटाया गया। इसके पश्चात् सर्जरी के दौरान ही डॉ. रमेश पुरोहित ने ब्रेकीथेरेपी के कैथेटर्स रोगी की पीठ में ट्यूमर वाले स्थान पर प्रत्यारोपित किये, इसे पेरीऑपरेटिव इंटरस्टिशियल ब्रेकीथेरेपी कहते हैं। सामान्तया रोगी की सर्जरी के 4-5 हफ्ते बाद उसे रेडिएशन दिया जाता है परन्तु इस रोगी के गाँठ पुनः उत्पन्न ना हो इसलिए पेरीऑपरेटिव इंटरस्टिशियल ब्रेकीथेरेपी की गयी जिससे कि कैंसर की गाँठ पुनः उत्पन्न ना हो व रोगी की जीवन गुणवत्ता को भी बढ़ाया जा सके। 

डॉ. रमेश ने बताया कि गीतांजली कैंसर सेंटर में पहली बार पेरीऑपरेटिव इंटरस्टिशियल ब्रेकीथेरेपी की गयी, जिसे सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि रोगी का सी.टी. स्कैन करने के बाद ब्रेकीथेरेपी की योजना बनाई गयी। रोगी को ब्रेकीथेरेपी मशीन पर दो दिनों में रेडिएशन के 4 सेशन दिए गए इसके पश्चात् रोगी के कैथेटर्स को निकाल दिया गया। रोगी अभी स्वस्थ है व इलाज के 5 दिन पश्चात् छुट्टी दे दी गयी है। 

ज्ञात करा दें कि गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर पिछले 13 वर्षों से सतत् रूप एक ही छत के नीचे कैंसर की सभी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है और आगे भी देता रहेगा। 

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