’आंत में रक्तस्त्राव का बिना ऑपरेशन सफल उपचार’


’आंत में रक्तस्त्राव का बिना ऑपरेशन सफल उपचार’

गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर के न्यूरो एवं इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ सीताराम बारठ ने 19 नवम्बर 2016 को आंतों में रक्तस्त्राव से पीडि़त 45 वर्षीय रोगी की ’कॉयल एम्बोलाइजेशन’ कर स्वस्थ किया।

 
’आंत में रक्तस्त्राव का बिना ऑपरेशन सफल उपचार’

गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर के न्यूरो एवं इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ सीताराम बारठ ने 19 नवम्बर 2016 को आंतों में रक्तस्त्राव से पीडि़त 45 वर्षीय रोगी की ’कॉयल एम्बोलाइजेशन’ कर स्वस्थ किया। इसके उपचार में चार विभागों के चार चिकित्सकों का दल जिसमें न्यूरो एवं इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ सीताराम बारठ , मेडिसिन विभाग के डॉ डीसी कुमावत, गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डॉ पंकज गुप्ता एवं गहन चिकित्सा ईकाई के डॉ कमलेश भट्ट शामिल थे।

डॉ सीताराम बारठ ने बताया कि उदयपुर निवासी वर्दी चंद डांगी (उम्र 45 वर्ष ) सांस में कमी,कम और निरंतर गिरते रक्तचाप एवं आंतों में रक्तस्त्राव के कारण हॉस्पिटल में इमरजेंसी में भर्ती हुए। डॉ डीसी कुमावत से परामर्ष के बाद रोगी को गहन चिकित्सा ईकाई में डॉ कमलेश भट्ट के नेतृत्व में भर्ती किया गया। डॉ कमलेश भट्ट एवं डॉ पंकज गुप्ता द्वारा की गई सीटी स्केन की जांच और एंडोस्कोपी से पता चला कि छोटी आंत में उपस्थित वहिकाओं से रक्तस्त्राव हो रहा था जिनको कॉयल एम्बोलाइजेशन द्वारा रोका गया। इस प्रक्रिया में रक्तस्त्राव कर रही वहिकाओं को कॉयलस द्वारा अवरुद्ध किया गया। इस रोगी का एण्डो वेसक्यूलर रुट द्वारा उपचार किया गया और कोई सर्जरी नहीं हुई जिसमें कुल 45 मिनट का समय लगा। इसके बाद रोगी को 48 घंटों के लिए गहन चिकित्सा ईकाई में रखा गया। इस रोगी की मृत्यु दर बहुत अधिक थी क्योंकि आंतरिक रक्तस्त्राव सक्रिय था। रोगी अब पूरी तरह स्वस्थ है और अपनी दैनिक दिनचर्या के काम कर पा रहा है।

’कॉयल एम्बोलाइजेशन’ नहीं किया जाता तो क्या करते?

डॉ बारठ ने बताया कि यदि किसी हॉस्पिटल में न्यूरो एवं इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं होती तो इस तरह के रोगी का उपचार ओपन सर्जरी द्वारा किया जाता है जिसमें खराब आंत निकालनी पड़ती है और कभी-कभी बायपास भी करना पड़ सकता है। कम रक्तचाप की स्थिति में ऑपरेशन बहुत ही जटिल और हाई रिस्क होता है।

आंत में रक्तस्त्राव के क्या कारण होते है?

आंत में रक्तस्त्राव का कारण ड्यूडेनल अल्सर, पेपटिक अल्सर, पेट या आंत में घाव हो सकता है। इस रोगी में,आंत में रक्तस्त्राव का कारण ड्यूडेनल अल्सर था। आंत में रक्तस्त्राव का उपचार पूर्व एवं सही समय पर करवाना चाहिए क्योंकि इसमें मृत्यु दर बहुत अधिक होती है। इन प्रक्रियाओं के दौरान रोगी की गहन चिकित्सा ईकाई में देखभाल अति आवश्यक है।

क्या होता है ’कॉयल एम्बोलाइजेशन’?

डॉ बारठ ने बताया कि ’कॉयल एम्बोलाइजेशन’ में रक्तस्त्राव कर रही वहिकाओं को कॉयलस द्वारा अवरुद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया में एण्डो वेसक्यूलर रुट द्वारा उपचार किया जाता है जो स्थायी है और भविष्य में संबंधित नस में यह बिमारी होना नगन्य है।

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