चोर और चोरो की अम्मा के किस्से
कहते है बच्चो को संस्कार का पहला पाठ माँ ही देती है। लेकिन कलियुगी एक माँ ने अपने बच्चो को संस्कार देने की बजाय चोरी के गुर सिखाए। शहर के हिरणमगरी थाना पुलिस ने कल चोरी की आरोप में तीन युवको के साथ एक महिला को भी गिरफ्तार किया था। यह महिला पकडे गए एक चोर की माँ है।
उदयपुर 3 जुलाई 2019, कहते है बच्चो को संस्कार का पहला पाठ माँ ही देती है। लेकिन कलियुगी एक माँ ने अपने बच्चो को संस्कार देने की बजाय चोरी के गुर सिखाए। शहर के हिरणमगरी थाना पुलिस ने कल चोरी की आरोप में तीन युवको के साथ एक महिला को भी गिरफ्तार किया था। यह महिला पकडे गए एक चोर की माँ है। यह अम्माँजी शहर के घरो में झाड़ू पौंछे का काम करती है और इसी दौरान सूने और बंद मकानों की रैकी करती है। शिकार की तलाश पूरी होने पर गैंग को इन्फॉर्म करती है और फिर यह गैंग वारदात को अंजाम देती है।
हिरणमगरी पुलिस थानाधिकारी हनवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया की कल हिरणमगरी थाना के हिस्ट्रीशीटर शंकर लाल नायक उर्फ़ शंकर भोपा, भूपेश मीणा उर्फ़ भोंदू, नीरज सेन और नीरज सेन की माँ श्रीमती कृष्णा सेन को गिरफ्तार कर उनके कब्ज़े से 4 सोने की चूड़ियाँ, चांदी के पायजेब एवं नकदी बरामद की है।
माँ बेटा है गैंग के सरगना
मुल्ज़िम नीरज सेन और उसकी माँ कृष्णा सेन इस गैंग को मुख्य सरगना है। पुलिस को चकमा देने के लिए अपना किराये का मकान बार बार बदलते रहते है। नीरज की माँ कृष्णा शहर के घरो में झाड़ू पौंछे का काम करती है और इसी दौरान सूने और बंद मकानों की रैकी करती है। शिकार की तलाश पूरी होने पर गैंग को इन्फॉर्म करती है और फिर यह गैंग वारदात को अंजाम देती है।
शंकर लाल नायक उर्फ़ शंकर भोपा, भूपेश मीणा उर्फ़ भोंदू और नीरज सेन स्मैक पीने के आदी है। यहाँ तक की जब भी किसी घर में चोरी की घटना को अंजाम देते तो वहां स्मैक का नशा ज़रूर करते थे। इस बात को वह अपने लिए शुभ मानते थे। नशा करने के बाद उस घर में साफ़ सफाई करने के बाद चोरी की वारदात को अंजाम देते थे।
नौटंकी करने में भी माहिर है
पुलिस जब भी आदतन अपराधी नीरज को किसी मामले में पूछताछ के लिए थाने पर लेकर आती थी तो नीरज नौटंकी शुरू कर देता था जैसे अपने आप को नुक्सान पहुंचाने, स्वयं हाथ की नसे काट लेना, उच्चाधिकारियों को झूठी शिकायत करना, कोर्ट में पुलिस के खिलाफ झूठे प्रार्थना पत्र पेश कर पुलिस पर दबाव बनाना इनकी फितरत है।
चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद शंकर लाल नायक उर्फ़ शंकर भोपा, भूपेश मीणा उर्फ़ भोंदू और नीरज सेन आपस में किसी पर भरोसा नहीं करते थे। इस कारण होरी करने के बाद चोरी का माल लेकर एक जगह इकट्ठा होते व् पूर्ण नग्न होकर यह विश्वास करते की किसी ने चोरी का माल छिपाया नहीं है इसके बाद आपस में बंटवारा करते थे। चोरी करने के बाद चुराए गए माल का आधा हिस्सा भी करते थे। जैसे पांच सोने की चैन मिली तो एक चैन को बीच में से तोड़ कर आधी आधी बाँट लेते थे।
चोरी के रुपयों से मसाणा बावजी में टीनशेड और 100 लोगो की परसादी
चोरो की इस गैंग ने चोरी की वारदात करने के बाद कुम्हारो के भट्टे के पास स्थित मसाणा बावजी पर चोरी की सफलता और पुलिस की पकड़ में नहीं आने के लिए मसाणा बावजी पर 100 लोगो की परसादी भी की थी यही नहीं मसाणा बावजी में चोरी किये गए रुपयों से टीनशेड भी लगवाए थे।
सुखेर के सागर कॉलोनी में हुई चोरी में गैंग ने 10 लाख नकदी, सोने के बिस्कुट और जेवरात पर बड़ा हाथ साफ़ किया था। उक्त माल को आपस में बाँट लिया व मुल्ज़िम की बहन ज्योति और बहनोई गोपाल डांगी ने चोरी के माल में अपना हिस्सा माँगा व नहीं देने पर पुलिस में बताने की धमकी दी जिस पर नीरज ने अपनी बहन ज्योति को 70,000 रूपये और बहनोई गोपाल को साढ़े चार लाख रूपये दिए। बहन ने उन रुपयों से स्कूटी और बहनोई ने एक इटियोस कार खरीद ली। उसी कार में नीरज उसकी पत्नी दीपिका, ज्योति और गोपाल गोवा, अमृतसर, दिल्ली, जम्मू और माउंट आबू आदि स्थानों पर घूमने गए जहाँ महंगी होटलो में रूकना, शॉपिंग करना इत्यदि शामिल है। इनमे होटल का एक दिन का किराया 25000 रुपया तक भी चुकाया है।
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