‘मधुमेह संबंधी नवीनतम जानकारियां’ विषयक वार्ता आयोजित


‘मधुमेह संबंधी नवीनतम जानकारियां’ विषयक वार्ता आयोजित

“ईश्वर द्वारा संचालित किये जा रहे इस मनुष्य जीवन को धरती पर वैज्ञानिकों ने जहां विभिन्न बीमारियों का पता लगाया तो दूसरी ओर उन बीमारियों की रोकथाम के कारणों का पता लगाकर मरीजों व चिकित्सकों को रहात प्रदान की है”। - मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॅा. डी.सी.शर्मा ने बताया कि ऐसे में ही वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ समय में मुख्य रूप से मधुमेह रोग के सन्दर्भ में शरीर की आंतो से स्रावित होने वाले ऐसे हारमोन्स की खोज की है जिससे शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा तो नियंत्रित होती ही है साथ ही वह हारमोन्स शरीर के वजन को बढऩे से रोकता भी है।

 
‘मधुमेह संबंधी नवीनतम जानकारियां’ विषयक वार्ता आयोजित

“ईश्वर द्वारा संचालित किये जा रहे इस मनुष्य जीवन को धरती पर वैज्ञानिकों ने जहां विभिन्न बीमारियों का पता लगाया तो दूसरी ओर उन बीमारियों की रोकथाम के कारणों का पता लगाकर मरीजों व चिकित्सकों को रहात प्रदान की है”। – मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॅा. डी.सी.शर्मा ने बताया कि ऐसे में ही वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ समय में मुख्य रूप से मधुमेह रोग के सन्दर्भ में शरीर की आंतो से स्रावित होने वाले ऐसे हारमोन्स की खोज की है जिससे शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा तो नियंत्रित होती ही है साथ ही वह हारमोन्स शरीर के वजन को बढऩे से रोकता भी है।

वे कल रोटरी क्लब उदयपुर व इण्डियन मेडीकल एसोसिएशन द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित मधुमेह के सन्दर्भ में आयोजित नवीनतम जानकारियां विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में रूप में बोल रहे थे। उन्होनें बताया कि पिछले कुछ समय में एक ऐसा इन्सुलिन इन्जेक्शन भी विकसित हुआ है जो सप्ताह में 1 बार से लेकर माह में 1 बार तक लिया जा सकता है।

डॅा. शर्मा ने बताया कि नवीन खोजों के सन्दर्भ में वैज्ञानिकों ने 50 पैसे के सिक्के के आकार की ऐसी चिप भी विकसित की है जिसे 4 दिन तक पेट पर लगाकर शरीर मेंप्रति तीन मिनिट में शुगर की मात्रा की जांच करता है और बाद में उसे निकाल कर कम्प्यूटर के जरीये शुगर की मात्रा की एक माह की रिपोर्ट का पता लगा सकते है।

उन्होनें बताया कि वैज्ञानिकों ने इन्सुलिन पम्प का भी विकास किया है। इस पम्प को भी पेट पर लगा कर शरीर में शुगर की प्रति सैकण्ड हो रही घटत-बढ़त के अनुसार यह इन्सुलिन रिलीज करता है। इसे भी 3-4 दिन तक पेट पर लगाकर रख सकते है। निराशाजनक बात है कि भारत में बढ़ते मधुमेह रोगियों की संख्या को देखते हुए यह विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

उन्होनें बताया कि प्रति 10 मधुमेह रोगियों को में से 8 को ह्दय रोग की संभावनाएं अधिक रहती है। शुरूआत दौर में यदि मधुमेह रोग होने की जानकारी मिलती है तो उस पर तुरन्त नियंत्रण पाने का प्रयास करना चाहिए अन्यथा टाईप-2 में जाने के बाद यह रोग अधिक हानिकारक हो जाता है। मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए नियमित दवाओं का सेवन करते रहना चाहिए।

इस अवसर पर इण्डियन मेडीकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॅा. सुनील चुघ ने कहा कि डायबिटीज होने पर रोगियों को चिकित्सकीय सलाह के अनसुार ही चलना चाहिए। अपनी ईच्छानुसार दवाओं की मात्रा को घटाना या बढ़ाना नहीं चाहिए।

इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष बी.एल.मेहता ने कहा कि डॅा. श्र्माा द्वारा दी गई नवीनतम जानकारी से निश्चित रूप से जनता लाभान्वित होगी। इस अवसर पर आईएमए के सचिव डॅा. आनन्द गुप्ता सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे। अंत में डॅा. आनन्द स्वरूप ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

बी.एल.मेहता ने बताया कि कल 16 नवंबर को प्रात: 10 बजे रोटरी बजाज भवन में विभिन्न स्कूलेां के बच्चों द्वारा मधुमेह पर नाटिकाओं का मंचन किया जाएगा तथा उन्हीं के बीच मधुमेह संबंधी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा।

मधुमेह रोग से पीडि़त बच्चों एवं उनके परिजनों की नि:शुल्क रक्त जांच की जाएगी तथा इस अवसर पर उन्हें मधुमेह के बारें में विस्तृत जानकारी देने हेतु सांय 3 बजे डॅा. डी.सी.शर्मा द्वारा आयड़ पुलिया स्थित सृजन हॉस्पीटल में एक कार्यक्रम आयोजन के पश्चात बच्चों के बीच मधुमेह पर चित्रकला एवं अनेक प्रतियागिताएं आयोजित की जाएगी।

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