मानसिक प्रताड़ना झेलने को मजबूर "शिक्षक"
“तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल- 2 के तहत राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में जारी नवीन संशोधित परिणाम सूची कट ऑफ के तहत एक वर्ष से कार्यरत शिक्षक मानसिक प्रताडना सहने को मजबुर हैं”। उदयपुर जिले से जोधपुर हाईकोर्ट गयें शिक्षको को कहना है कि गत दिनों उन्होंने रामरसोडे में सोकर अपना समय बिताय
“तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल- 2 के तहत राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में जारी नवीन संशोधित परिणाम सूची कट ऑफ के तहत एक वर्ष से कार्यरत शिक्षक मानसिक प्रताडना सहने को मजबुर हैं”। उदयपुर जिले से जोधपुर हाईकोर्ट गयें शिक्षको को कहना है कि गत दिनों उन्होंने रामरसोडे में सोकर अपना समय बिताया है।
उन्हीने कहा कि, राज्य सरकार के द्वारा इस परीक्षा में सशोंधित परिणाम जारी हुआ, जबकि प्रत्येक जिले में पृथक-पृथक पेपर हुए; लेकिन फिर भी हर जिले मे 2-8 अंक तक कट ऑफ मे अंतर कैसे आया? हाईकोर्ट द्वारा केवल टेट के सशोंधित परिणाम के 20 फीसदी अंको को जोडते हुए मेंरिट बनाने के आदेश दिये गये थे, जबकि राज्य सरकार ने मूल परीक्षा परिणाम के अंको को भी प्रत्येक जिले मे कम या ज्यादा किये। ऐसे में उदयपुर जिले से ही 200 के लगभग शिक्षक कट ऑफ़ से बाहर हो गये।
“इसी समयावधि में राज्य सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षायों हेतु भी आवेदन नही किया, क्योकि स्थाई नौकरी उपलब्ध थी। बाहर हुए अभ्यर्थियों में से कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी है, जो आयु सीमा को पार कर चुके है और कुछ निजी संस्थानो में मोटे वेतन पर कार्यरत होते हुए भी राजकीय सेवा मे आने हेतु अनुबन्ध को तोडते हुयें सरेन्डर राशि देकर अपनी पूर्व अस्थाई से कार्यमुक्त होकर अध्यापक पद हेतु चयनित हुयें। ऐसे मे राज्य भर के लगभग 6000 से अधिक शिक्षक मानसिक प्रताडना झेलने को मजबुर हैं”।
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