‘‘सभी के लिए कला’’ की मुहिम पर जुटी है टीम नाट्यांश


‘‘सभी के लिए कला’’ की मुहिम पर जुटी है टीम नाट्यांश

सभी के लिए कला और कला के लिए सभी।’’ इसी ख्याल को साथ रख कर नाट्यांश सोसायटी आॅफ ड्रामेटिक एण्ड परर्फोमिंग आर्ट्स के कलाकारों ने ऐसे बच्चों के साथ रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया है जो समाज की मुख्यधारा से वंचित हैं। नाट्यांश द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में लगभग 80-85 बच्चों ने भाग लिया है। 19 मई 2018 से चल रही इस कार्यशाला का समापन 10 जून को होगा।

 
‘‘सभी के लिए कला’’ की मुहिम पर जुटी है टीम नाट्यांश

‘‘सभी के लिए कला और कला के लिए सभी।’’

इसी ख्याल को साथ रख कर नाट्यांश सोसायटी आॅफ ड्रामेटिक एण्ड परर्फोमिंग आर्ट्स के कलाकारों ने ऐसे बच्चों के साथ रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया है जो समाज की मुख्यधारा से वंचित हैं। नाट्यांश द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में लगभग 80-85 बच्चों ने भाग लिया है। 19 मई 2018 से चल रही इस कार्यशाला का समापन 10 जून को होगा।

नाट्यांश सोसायटी आॅफ ड्रामेटिक एण्ड परर्फोमिंग आर्ट्स पिछले पाँच सालों से रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। इन पाँच सालों के सफर में संस्थान शहर में और शहर के आसपास नुक्कड नाटकों का मंचन कर लोगो को जागरूक करता है। नुक्कड नाटको के साथ ही संस्थान पुर्णांकि नाटको का मंचन करता है और देश के कई राज्यों में प्रस्तुति कर के अपना और शहर का नाम रोशन किया है। संस्थान अपने स्थापना वर्ष से ही नारित्व को सर्मपित राजस्थान का पहला और एकमात्र नाट्य महोत्सव अल्फ़ाज़ का आयोजन करता आ रहा है। संस्थान के कलाकारों ने अब तक कई नाट्य कार्यशालाओं का आयोजन किया है।

तराश-2018 के सयोंजक अब्दुल मुबीन ख़ान ने बताया कि नाट्यांश द्वारा आयोजित नाट्य कार्यशाला ‘तराश-2018’ शहर के तीन अलग-अलग स्थानों पर चल रही है। इस वर्ष संस्थान के कलाकारों ने एक पहल की है कि वे कला को सभी के लिये सहजता पुर्वक पहुचांने का प्रयास करेंगे। इसी के चलते संस्थान ने शहर की दो कच्ची बस्तियों में क्रमशः मनवाखेडा और देवाली में निःशुल्क बाल नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया है। कार्यशाला का संचालन एवं प्रशिक्षण रेखा सिसोदिया, मोहम्मद रिज़वान मन्सुरी, हार्दिक नागदा, अखिल नायर और अब्दुल मुबीन ख़ान द्वारा किया जा रहा है। इन तीनों कार्यशालाओं में लगभग 80-85 बच्चों ने भाग लिया है।

कार्यशाला में बच्चो के व्यक्तित्व विकास, उच्चारण, शारिरिक अभिनय, संवाद अदायगी, भावनात्मक, संज्ञानात्मक और मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और कल्पनाओं के विकास पर कार्य किया जा रहा है। 21 दिवसीय इस कार्यशाला के समापन दिवस पर तीनो जगह के प्रतिभागीयों द्वारा तैयार नाटक का मंचन होगा। नाटकों का मंचन भुपालपुरा स्थित महाराष्ट्र भवन होगा।

संस्थान के अध्यक्ष श्री अशफ़ाक़ नुर ख़ान पठान ने कहा कि टीम नाट्यांश भविष्य में भी इस तरह की कला और नाट्य कार्यशालाओं का आयोजन करती रहेगी और कला के विभिन्न रूपों को सभी लोगो तक पहुचाने के लिये प्रयासरत रहेगी।

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