बाल विवाह रोकथाम के लिए टीेमें गठित
आई.पी.एस. (प्रशिक्षु) दीपक यादव एवं कार्यक्रम अधिकारी रश्मि कौशिश के नेतृत्व में 5 पंचायतों में टीमें गठित कर भेजी गई प्रत्येक टीम में 2 प्रचेता, पटवारी, पुलिस कॉन्स्टेबल सदस्य बनाए गए। गठित टीमों ने गांवों में जाकर हो रहे विवाहों की अकस्मात ही जांच की। जांच में दो नाबालिग विवाह होने वाले भी पाये गये। नाबालिगों के अभिभावकों को थाने में ले जाकर बाल विवाह नहीं करने हेतु पाबन्द करवाया गया। आगे भी इस तरह की जांच जारी रहेगी।
आखातीज से पीपल पूर्णिमा तक बाल विवाहों की सम्भावना के मद्देनजर पुलिस विभाग, महिला अधिकारिता एवं रेवेन्यू विभाग की तीन टीमें गठित कर प्रतापनगर थाना क्षेत्र के विभिन्न गॉवों में भेजी गई।
आई.पी.एस. (प्रशिक्षु) दीपक यादव एवं कार्यक्रम अधिकारी रश्मि कौशिश के नेतृत्व में 5 पंचायतों में टीमें गठित कर भेजी गई प्रत्येक टीम में 2 प्रचेता, पटवारी, पुलिस कॉन्स्टेबल सदस्य बनाए गए। गठित टीमों ने गांवों में जाकर हो रहे विवाहों की अकस्मात ही जांच की। जांच में दो नाबालिग विवाह होने वाले भी पाये गये। नाबालिगों के अभिभावकों को थाने में ले जाकर बाल विवाह नहीं करने हेतु पाबन्द करवाया गया। आगे भी इस तरह की जांच जारी रहेगी।
बाल विवाह कराने पर जुर्माना व सजा का प्रावधान
बाल विवाह होने की सम्भावना पर तुरन्त अपने नजदीकी थाने, तहसीलदार उपखण्ड कार्यालय, जिला कन्ट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। बाल विवाह कराने पर रूपये 1 लाख जुर्माना अथवा दो वर्ष का कारावास अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
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