लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य


लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ का कला रथ शुक्रवार शाम थम गया। आखिरी दिन जहां ‘‘झंकार’’ में दिखे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य वहीं लोक कलाकारों ने अपना पूरा जोश खरोश ‘‘कलांगन’’ पर दिखाया तो हाट बाजार में शिल्पकारों ने शिल्प सौदों को अंजाम दिया। शुक्रवार को शिल्पग्राम एक बार फिर कला और शिल्प पिपासुओं से अटा नजर आया। जो यहां आया वो आखिरी दिन फिर आया जो नहीं आया वो लोक कलाओं व शिल्प एक झलक पाने को लालायित नजर आया।

 
लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

शिल्प कला व लोक कला के प्रोत्साहन तथा ग्राम्यांचल में कलात्मक वस्तुओं को बनाने वाले शिल्पकारों को अपने उत्पाद बेंचने के लिये बाजार उपलब्ध करवाने के उददेश्य से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ का कला रथ शुक्रवार शाम थम गया। आखिरी दिन जहां ‘‘झंकार’’ में दिखे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य वहीं लोक कलाकारों ने अपना पूरा जोश खरोश ‘‘कलांगन’’ पर दिखाया तो हाट बाजार में शिल्पकारों ने शिल्प सौदों को अंजाम दिया। शुक्रवार को शिल्पग्राम एक बार फिर कला और शिल्प पिपासुओं से अटा नजर आया। जो यहां आया वो आखिरी दिन फिर आया जो नहीं आया वो लोक कलाओं व शिल्प एक झलक पाने को लालायित नजर आया।

लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

Folk Dance (Siddhi) at Shilpgram Utsav-2016

विकास आयुक्त हस्त शिल्प नई दिल्ली, विकास आयुक्त हथकरघा नई दिल्ली, नेशनल जूट बोर्ड तथा क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के सौजन्य से आयोजित इस उत्सव में जन साधारण की रूचि लगातार बनी रही। नवाकर्षणों ‘‘सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी’’, ‘‘हिवड़ा री हूक’’ जैसे आयोजनों मं जहां लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया वहीं वाद्य यंत्रों और नर्तकियों की मूर्तियों को निहारने व उनके साथ फोटो खिंचवाने का दौर आखिरी दिन भी चला।

लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

मेले के अंतिम दिन की शुरूआत के साथ भारी सख्या में लोग शिल्पग्राम आना शुरू हुए तथा शाम को हाट बाजार का आलम ये था कि तिल रखने की जगह नहीं थी। हर तरफ लोगों का रेला सा था। कोई खरीद रहा था तो कोई खा रहा था। लोग कंधे से कंधा मिला कर चल रहे थे किन्तु मेले का आनन्द उनके दिलो दिमाग पर चरम पर था। शिल्पग्राम के सभी शिल्प क्षेत्रों में आखिरी दिन जम कर खरीददारी हुई। कई लोगों जहां नकद भुगतान किये वहीं कईयों ने पीओएस सिस्टम से अपने भुगतान किये। हाट बाजार में मिट्टी की मूर्तियां, चमड़े के लैम्प शेड्स, बांस की सीकों से बनने वाले मुड्डे, लकड़ी की फ्रेम्स, टेबल कुर्सी, विभिन्न प्रकार के गुलदस्ते, चाइना क्ले के बने कॉफी मग, टी पॉट्स, बेम्बू के बने आईने, काटन व रेशमी वस्त्र, साडि़यां, चिकनकारी के कुर्ते, राजपूती परिधान व सलवार सूट, ज्वेलरी में लाख की चूडि़यां, इयरिंग्स, बैंगल्स, हैण्डमेड पेपर, पुस्तके आदि की बिक्री उल्लेखनीय है।

लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

शाम को मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर राजस्थान के लोक वाद्य मशक के वादन से हुई इसके बाद गुजरात के कलाकारों ने राठवा नृत्य दर्शाया। रंगमंच पर वर्ष 2016 के इस उत्सव की आखिरी शाम का प्रमुख आकर्षण रहा ‘‘झंकार’’ जिसमें दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्यों की एक साथ गूंज ने शिल्पग्राम आने वाले दर्शकों के लिये एक स्मरणीय शाम बना दिया। केन्द्र निदेशक फरकान खान तथा कार्यक्रम अधिकारी तनेराज सिंह सोढ़ा द्वारा परिकल्पित ‘झंकार’ में मुगरवान, ताशा, मसीण्डो, शंख, धूम धड़ाका, पुंग, ढोल, खड़ताल, भपंग, ढोलक, नाल, निसान, मोरचंग, तार शहनाई, तविल, पम्बी, मृदंगम, वॉयलिन, कंसाले, चौतारा, संबळ, तुनतुना आदि वाद्य यंत्रों ने पहले विलम्बित ताल में अपनी स्वर नहरियां बिखेरी इसके बाद शनैः शनैः वादन की गति ने जोर पकड़ा को वादक कलाकारों के साथ दर्शक भी झूम उठे।

लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

कार्यक्रम में ऑडीशा का गोटीपुवा नृत्य दर्शनीय प्रस्तुति बना वहीं सम्बलपुरी में नर्तकों ने अपने नृत्य से समां सा बांध दिया। मांगणियार गायकों ने लोकप्रिय नींबूड़ी गीत सुना कर दाद बटोरी तो भपंगवादक उमर फारूख ने प्रसिद्ध गीत ‘टर्र’ से लोगों को लुभाया। अंतिम सांझ में ही गुजरात के सिद्धि नर्तको की प्रस्तुति को निहारने के लिये लोग आखिर तक जमे रहे तथा उनके मंच पर आते ही दर्शकों ने उनकी हौसला अफजाई के साथ उनके वादन पर थिरकते हुए संगत की तथा नारियल फोड़ने वाले करिश्में पर तालियां बजा कर अभिवादन किया।

लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

समापन अवसर पर केन्द्र निदेशक श्री फुरकान खान ने इस आयोजन को सफल बनाने योगदान करने वाले विभाग जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, भारत संचार निगम लिमिटेड, एक्सिस बैंक, इलाहबाद बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आईडीबीआई बैंक इत्यादि के प्रति आभार व्यक्त किया।

लोक कलाओं का दस दिवसीय कला रथ थमां, ‘‘झंकार’’ में गूंजे दो दर्जन से ज्यादा लोक वाद्य

Manganiyar at Shilpgram Utsav

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags