लोकमान्य शिक्षक बनना ही उद्देश्य – प्रो. सारंगदेवोत
आज का भावी शिक्षक लोकमान्य, कर्तव्यनिष्ठ एवं पूंजीवाद से दूर समाज निर्माण में मार्गदर
आज का भावी शिक्षक लोकमान्य, कर्तव्यनिष्ठ एवं पूंजीवाद से दूर समाज निर्माण में मार्गदर्शक के रूप में शिक्षित होकर समाज का निर्माण राष्ट्रहित में करें। अवसर था जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, डबोक द्वारा शुक्रवार को आयोजित छात्र स्नेह मिलन एवं सांस्कृतिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि संस्था के संस्थापक मनीषी पं. जनार्दनराय नागर के विचारों के अनुरूप ही आज भी संस्था लोकमान्य शिक्षक बनाने एवं सर्वहारा वर्ग को शिक्षित करने हेतु दृढ संकल्पित है। अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. शशि चितौड़ा तथा विशिष्ठ अधिष्ठाता अरूण पानेरी ने की।
समारोह का आगाज केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देश, ठोली थारो ठोल बाजे, ये देश है वीर जवानो का, म्हारे हिवड़े में, ओ राधा तेरी चुनरी, दमादम मस्त कलण्डर, म्हारी घुमर सहित अन्य आकर्षक प्रस्तुतियों पर छात्र छात्राए जमकर थिरके।
समारोह का संचालन डॉ. देवेन्द्र आमेटा, छात्र प्रवीण बंजारा व दीपिका दवे ने किया। धन्यवाद डॉ. सरोज गर्ग ने दिया। इस अवसर पर एमएड, बीएड बाल विकास, बीएड एसटीसी के छात्र छात्राओं ने विविध सांस्कृतिक एवं खेलकुद प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
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