खरीदादार द्वारा पेमेन्ट में देरी करने पर बिल्डर ले सकेगा ब्याज,जब्त कर सकेगा रकम


खरीदादार द्वारा पेमेन्ट में देरी करने पर बिल्डर ले सकेगा ब्याज,जब्त कर सकेगा रकम

मुबंई के चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट राजेश संघवी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बिल्डरों के लिए लागू किये गये रेरा कानून में एक पक्ष बिल्डरों के हित को भी ध्यान में रखा है। जिसमें कहा गया गया है कि यदि खरीदरदार पेमेन्ट देने में देरी करता है तो बिल्डर उस खरीददार से उस रकम का ब्याज ले सकेगा और उसकी मूल रकम को जब्त भी कर सकेगा।

 
खरीदादार द्वारा पेमेन्ट में देरी करने पर बिल्डर ले सकेगा ब्याज,जब्त कर सकेगा रकम

मुबंई के चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट राजेश संघवी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बिल्डरों के लिए लागू किये गये रेरा कानून में एक पक्ष बिल्डरों के हित को भी ध्यान में रखा है। जिसमें कहा गया गया है कि यदि खरीदरदार पेमेन्ट देने में देरी करता है तो बिल्डर उस खरीददार से उस रकम का ब्याज ले सकेगा और उसकी मूल रकम को जब्त भी कर सकेगा।

वे आज आईसीएआई की उदयपुर शाखा द्वारा रेरा, बेनामी सम्पत्ति एवं जीएसटी के प्रभाव विषयक आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होेंने बताया कि इसके अलावा यदि बिल्डर प्रोजेक्ट में देरी करता है और किये गये वादे के अनुसार कार्य नहीं करता है तो खरीददार बिल्डर से न केवल ब्याज ले सकेगा वरन् क्षतिपूर्ति भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा। संघवी ने बताया कि इस कानून के तहत 500 वर्ग मीटर से अधिक भूखण्ड एवं नोटिफाईड क्षेत्र में निर्माण करने वाले सभी बिल्डर एवं मकान निर्माण कर बेचने वाले आमजन को इस कानून में पंजीकण कराना होगा।

उन्होंने बताया कि बिल्डर को प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए जनता से एडवांस के रूप में लिये हुए पैसे को प्रत्येक एसक्रो खाते में डालना होगा और बिल्डर उस खाते से 70 प्रतिशत रकम ही ऑनसाईट प्रोजेक्ट पर खर्चो के लिए इस्तेमाल कर सकेगा। बिल्डर चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट,चार्टर्ड इंजीनियर एंव आर्किटेक्ट से कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही रकम निकाल सकेगा।

बेनामी सम्पत्ति में पिछले 15 सालो के खातों में भी ली जा सकेगी पेनल्टी-संघवी ने बताया कि सरकार ने बेनामी सम्पत्ति के मामलों में बने कानून में कड़े नये प्रावाधान किये है। जिसमें जेल का प्रावधान भी रखा गया है। सरकार बेनामी सम्पत्ति मामलों में पिछले 15 सालों के खाते खोलकर पेनल्टी ले सकेगी एंव अपराधी को सजा दी जा सकेगी।

जीएसटी से बिल्डरों में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा- जयपुर के सीए रंजन मेहता ने बताया कि बिल्डर को भविष्य में सभी कन्स्ट्रक्शन एक्टिवीटी पर 12 व 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाना होगा। 12 प्रतिशत जीएसटी लगाये जाने पर बिल्डर को इनपुट मिलेगा लेकिन आगत कर अधिक होने का रिफण्ड नहीं मिलेगा लेकिन 18 प्रतिशत जीएसटी लिये जाने पर बिल्डर को दोनों का लाभ मिलेगा।

उन्होेंने बताया कि बिल्डर को कार्यशील प्रोजेक्ट व अंतिम स्टॉक पर इनपुट का लाभ मिलेगा। बिल्डिंग प्रोजेक्ट पर जीएसटी लागू होने से बिल्डरों में अपना माल बेच कर लाभ लेने की प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी।

शाखा चेयरमेन सीए अंशुल मोगरा ने बताया कि रेरा, बेनामी सम्पत्ति एवं जीएसटी में बढ़े हुए कार्यो को देखते हुए चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट का स्कॉप बढ़ जाएगा। शाखा सचिव विशाल मेनारिया ने बताया कि आने वाले समय में लेखाकार एवं सनदी लेखाकार की मांग बढ़ेगी। अंत में उपाध्यक्ष सीए पंकज जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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