बातें अमन की’ लेकर देश भर से निकलीं महिलाओं का कारवाँ आज उदयपुर पहुंचा
नफरत के खिलाफ मोहब्बत का पैगाम लेकर निकली यात्रा, ‘बातें अमन की’ अब अपने आखिरी पड़ाव में पहुँच गई है। 13 अक्टूबर को यह कारवां दिल्ली में थम जायेगा। आखिरी चरणों में पहुँच चुकी यह यात्रा आज उदयपुर पहुंची है। उदयपुर में इस यात्रा का आरम्भ रैली द्वारा किया गया। रैली सुबह 11 टाउन हॉल से रवाना हुई जो की दिल्ली गेट, हाथीपोल, चेतक सर्क
‘बातें अमन की’ यात्रा में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और केरल, राजस्थान से जोरहाट तक- देश की सारी दिशाओं से महिलाओं का जत्था सिर्फ एक ही मांग को लेकर सफर कर रहा है कि संविधान पर हमला करने वाले, धर्म और जाति के नाम पर लड़वाने वाले लोग महिला विरोधी हैं। अमन-शांति और संविधान की रक्षा के लिए देश के पांच मार्गों से महिलाओं का परचम लहरा रहा है।
नफरत के खिलाफ मोहब्बत का पैगाम लेकर निकली यात्रा, ‘बातें अमन की’ अब अपने आखिरी पड़ाव में पहुँच गई है। 13 अक्टूबर को यह कारवां दिल्ली में थम जायेगा। आखिरी चरणों में पहुँच चुकी यह यात्रा आज उदयपुर पहुंची है। उदयपुर में इस यात्रा का आरम्भ रैली द्वारा किया गया। रैली सुबह 11 टाउन हॉल से रवाना हुई जो की दिल्ली गेट, हाथीपोल, चेतक सर्किल होते हुए मोहता पार्क में समाप्त हुई। मोहता पार्क में यह रैली एक आम सभा में परिवर्तिति हो गई।
रैली और सभा में अनहद की शबनम हाश्मी, ऐपवा की सुधा चौधरी, शबनम क़ादरी, एनएफईडब्ल्यू की साधना मीणा, पीयूसीएल के अश्विनी पालीवाल, श्रीकांता, महिला अत्यचार विरोधी मंच की उषा चौधरी, समता संवाद की पियूष जोशी, राजस्थान विद्यापीठ के समाज कार्य विभाग की वीणा द्विवेदी, लायंस क्लब की डॉ अनुकृति राव, रमेश नंदवाना, मन्नाराम डांगी, सीपीआई(एम) के राजेश सिंघवी, अरुण व्यास, वरिष्ठ पत्रकार हेमेंद्र चंडालिया, हिम्मत सेठ, बोहरा यूथ के कमांडर मंसूर अली बोहरा, इस्माइल अली दुर्गा, बोहरा यूथ गर्ल्स विंग की सकीना दाऊद, यास्मीन डीएम, ज़ाहिदा ओड़ावाला समेत अनेक संगठनों के सदस्य और महिलाए शामिल थी।
रैली में शामिल सुधा चौधरी ने उदयपुर टाइम्स से बात करते हुए बताया की एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत की महिला के लिए दुनिया के दस बदतरीन देशो में सबसे अधिक खतरनाक देश बताया गया है। पाकिस्तान और सोमालिया जैसे देश भी इस मामले में भारत से पीछे है। कठुआ और उन्नाव मामले में सरकार की प्रतिक्रिया से महिलाओ और नागरिक के तौर पर सभी आहत और भयभीत है। बलात्कार की इन घटनाओ को जिस तरह राजनीती और धर्म से जोड़ा गया उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हद तो यह है की बलात्कार को लोगो को साम्प्रदायिकता के आधार पर बांटने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
बातें अमन की’ यात्रा की मुख्य आयोजक और सामाजिक संस्था अनहद की शबनम हाशमी ने बताया कि देश में बहुत ज्यादा बैचेनी है। पांच मार्गों पर चल रही यह यात्रा 13 अक्टूबर को दिल्ली पहुंच रही है। एक-एक बस में देश भर से महिलाएं चल रही हैं। ये औरतें सीधे-सीधे राजनैतिक नेताओ की नफरत की राजनीति को चुनौती दे रही हैं। इनका मानना है कि 2019 के आम चुनावों में आम भारतीयों का यह दुख-दर्द प्रतिबिंबित होगा।
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