मेवाड़ की धरा पर 21 से बिखरेंगे लोक संस्कृति के रंग
मेवाड़ की धरा पर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय ''शिल्पग्राम उत्सव'' में लोक संस्कृति की छटा आगामी 21 से 30 दिसम्बर तक बिखरेंगी। केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि लोक कला एवं संस्कृति के प्रसार तथा प्रोत्साहन ग्राम ग्राम्यांचल में बसर करने वाले शिल्पकारों का सीधा सम्पर्क करवाने के उददेश्य से आयोजित ''शिल्पग्राम उत्सव'' आगामी 21 दिसम्बर का प्रारम्भ होगा।
मेवाड़ की धरा पर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय ”शिल्पग्राम उत्सव” में लोक संस्कृति की छटा आगामी 21 से 30 दिसम्बर तक बिखरेंगी। केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि लोक कला एवं संस्कृति के प्रसार तथा प्रोत्साहन ग्राम ग्राम्यांचल में बसर करने वाले शिल्पकारों का सीधा सम्पर्क करवाने के उददेश्य से आयोजित ”शिल्पग्राम उत्सव” आगामी 21 दिसम्बर का प्रारम्भ होगा।
उन्होंने बताया कि उत्सव में भारत के विभिन्न राज्यों से 45 दलों के करीब 600 लोक कलाकार तथा 500 शिल्पकार भाग लेंगे। हाट बाजार में विभिन्न राज्यों से आये शिल्पकार अपने उत्पादों व कलात्मक नमूनों का प्रदर्शन व विक्रय करेंगे। मेले के दौरान ही शिल्पग्राम परिसर के विभिन्न थड़ों आंगन, गुर्जरी, चौपाल, हाट बाजार में लोक कलाकार, नट, करतबबाज, जादूगर, बहरूपिये आदि अपनी कला का निरन्तर प्रदर्शन करेंगे।
शिल्पग्राम के मुख्य रंगमंच ”कलांगन” पर शाम 6.00 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जिसमें केन्द्र के सदस्य राज्य राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा गोवा के अलावा असम, पंजाब, उत्तराचंल, मध्यप्रदेश, सिकिकम, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, केरल आदि के लोक कलाकार अपनी आकर्षक प्रस्तुतिया देंगे। उत्सव में इस वर्ष पहली बार भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद नर्इ दिल्ली के सहयोग से दक्षिण अफ्रीका से कलाकार दल आयेगा जो 26 दिसम्बर को वेरूश्का पाथेर द्वारा निर्देशित नाटिका ”कृष्ण लीला” का प्रदर्शन करेगा। इस प्रस्तुति में भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाटयम शैली में श्रीकृष्ण की लीलाओं का चित्रांकन किया गया है। उत्सव के लिये शिल्पग्राम की साज सज्जा का कार्य प्रगति पर है। शिल्पग्राम परिसर की सज्जा में आंगतुकों को इस बाद केन्द्र के सदस्य राज्यों की स्थापत्य कला से परिचय करवाया जायेगा जिसमें राजस्थान से हवेली का स्थापत्य, गुजरात से आडेक शिल्प, महाराष्ट्र से स्तंभ तथा गोवा से पुर्तगाली शिल्प देखने तथा दमण के ऐतिहासिक किले को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाया जायेगा।To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal