हादसे में गंभीर रुप से घायल का जटिल ऑपरेशन सफल


हादसे में गंभीर रुप से घायल का जटिल ऑपरेशन सफल

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के बाल एवं शिशु रोग सर्जन डॉ अतुल मिश्रा ने 30 दिसंबर को दीवार के नीचे दब जाने के कारण फटी आंत व पेट के दो सेंटीमीटर छेद को बंद कर 6 वर्षीय मासूम की जटिल सर्जरी कर जान बचाई। इस ऑपरेशन में डॉ अतुल मिश्रा के साथ बाल रोग चिकित्सक डॉ गौरव आमेटा, निष्चेतना विभाग के डॉ अनिल और बाल गहन चिकित्सा ईकाई का समस्त स्टाफ शामिल थे

 
हादसे में गंभीर रुप से घायल का जटिल ऑपरेशन सफल

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के बाल एवं शिशु रोग सर्जन डॉ अतुल मिश्रा ने 30 दिसंबर को दीवार के नीचे दब जाने के कारण फटी आंत व पेट के दो सेंटीमीटर छेद को बंद कर 6 वर्षीय मासूम की जटिल सर्जरी कर जान बचाई। इस ऑपरेशन में डॉ अतुल मिश्रा के साथ बाल रोग चिकित्सक डॉ गौरव आमेटा, निष्चेतना विभाग के डॉ अनिल और बाल गहन चिकित्सा ईकाई का समस्त स्टाफ शामिल थे।

डॉ अतुल मिश्रा ने बताया कि निम्बाहेड़ा निवासी जगदीश बंजारा की पुत्री बेना (6) अपने भाई-बहनों के साथ खेल रही थी कि अचानक दीवार गिर जाने से वह उसके नीचे दब कर गंभीर रुप से घायल हो गई। हादसा इतना गंभीर था कि उसकी बड़ी बहन कि मौके पर ही मृत्यु हो गई। निजी अस्पतालों में इलाज कराने के बाद परिजन उसे गीतांजली हॉस्पिटल लाए। चिकित्सकीय परामर्श के बाद सीटी स्केन की जांच की गई जिससे कुछ भी स्पष्ट जानकारी न मिलने पर ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। ऑपरेशन के दौरान पता चला कि बच्ची की आंत फट गई थी और 2 सेंटीमीटर बड़ा छेद हो गया था। तीन घंटें चले ऑपरेशन में छेद को सफलतापूर्वक बंद किया गया। इस प्रक्रिया को लेपेरोटमी कहते है। ऑपरेशन सफल होने के बावजूद बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई थी। हृदय व फेफड़ें ठीक तरह से काम नहीं कर रहे थे जिस कारण बच्ची वेंटीलेटर पर थी। बच्ची की नाजुक हालत के कारण उसे बचा पाना लगभग असंभव हो रहा था परन्तु डॉक्टर्स एवं स्टाफ के प्रयत्न और कड़ी मेहनत के फलस्वरुप बच्ची धीरे-धीरे ठीक होने लगी और उसे बाल गहन चिकित्सा ईकाई से पीडियाट्रिक वार्ड में शिफ्ट किया गया। बच्ची अब पूर्णतः स्वस्थ है और भविष्य में इस तरह कि किसी परेशानी नहीं होने की पूरी संभावना है। डॉ मिश्रा ने बताया कि इस तरह के इलाज में लगभग 1 लाख का खर्च आता है परंतु इस बच्ची का इलाज राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ बीमा योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया । जब एक्स-रे व सीटी स्केन की जांचों से कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाता है तब लेपेरोटमी प्रक्रिया व शल्य क्रिया से उपचार ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। इस बच्ची का सफल जटिल ऑपरेशन गीतांजली हॉस्पिटल के शल्य विषेशज्ञों की मेहनत और सफलता का एक और उदाहरण है।

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