उदयपुर। राज्य के प्रमुख अभयारण्यों कुंभलगढ़ एवं रावली टाडगढ़ में संसाधनों की कमी पर दायर जनहित याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है और इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता ऋतुराज सिंह राठौड़ द्वारा उच्च न्यायालय को बताया गया कि याचिकाकर्ता वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में भी काम करता है. याचिकाकर्ता को आरटीआई के जवाब में पता चला कि अभ्यारण में प्रत्येक रेंज पर रेस्क्यू वाहन उपलब्ध नहीं है।
मुख्यालय से वाहन आते-आते समय लग सकता है ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है बेकाबू भीड़ वन्य जीव को नुकसान पहुंचा सकती है या फिर इस दौरान वन्यजीव भी उग्र होकर गांव वालों पर हमला कर सकता है। यह भी बताया गया कि वन्यजीव रेस्क्यू टीम के पास "बॉडी प्रोटेक्शन सूट", हेलमेट इत्यादि जरूरी किट भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कई बार वन्यजीवों को रेस्क्यू करने के दौरान रेस्क्यू टीम के सदस्यों के चोटिल होने की समस्या बनी रहती है।
याचिकाकर्ता द्वारा न्यायालय को बताया गया कि कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण राज्य सरकार को अच्छी आय देता है क्योंकि पिछले वर्ष यहां 1,17,107 विदेशी एवं 4, 93, 969 देशी पर्यटक घूमने आए थे। कुंभलगढ़ एवं रणकपुर पर्यटकों की पसंदीदा जगह है।
विभाग द्वारा "वाटर होल" विधि से वन्य जीव गणना की जाती है जो कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उचित नहीं मानी जाती है। बारिश हो जाने की वजह से 2019 की वन्यजीव गणना सटीक रूप से नहीं हो पाई। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कैमरा ट्रैप तरीके से वन्यजीव गणना करना बेहतर एवं उचित माना जाता है। साथ ही साथ कैमरा ट्रैप से जंगल की पूर्ण रूप से निगरानी की जा सकती है, हाल ही में रणथंबोर एवं मुकुंदरा में जंगल में लगाए गए कैमरा ट्रैप्स से शिकारियों की पहचान की गई थी।
जनहित याचिका में मांग की गई कि कुंभलगढ़ एवं टॉडगढ़ में भी वन्यजीव गणना एवं निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप बड़ी संख्या में लगाए जावे। ऐसे में उच्च न्यायालय से प्रार्थना की गई कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जावे की कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण में वाहन, कैमरा ट्रैप, बॉडी प्रोटेक्शन सूट, प्रत्येक रेंज पर बेहोश करने वाली ट्रेंकुलाइजिंग गन, आदि जरूरी संसाधन उपलब्ध कराये जावे।
याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनने के पश्चात माननीय मुख्य न्यायधीश इंद्रजीत महंती एवं पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया।
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