महिला मुख्यमंत्री के राज में महिला रोगियों की स्थिति शोचनीय
राजस्थान में महिला मुख्यमंत्री के राज में प्राकृतिक चिकित्सालय में महिला रोगियों का ईलाज मेल नर्स को करना पड़ रहा है। जब महिला रोगी को एनिमा लगाने एंव मसाज तक मेल नर्स को करनी पड़ रही है। अनेक बार चिकित्सक को ओपीडी मे रोगियों को छोड़कर महिला रोगी का ईलाज तक करना पड़ता है जो एक फिमेल नर्स को करना होता है।
राजस्थान में महिला मुख्यमंत्री के राज में प्राकृतिक चिकित्सालय में महिला रोगियों का ईलाज मेल नर्स को करना पड़ रहा है। जब महिला रोगी को एनिमा लगाने एंव मसाज तक मेल नर्स को करनी पड़ रही है। अनेक बार चिकित्सक को ओपीडी मे रोगियों को छोड़कर महिला रोगी का ईलाज तक करना पड़ता है जो एक फिमेल नर्स को करना होता है।
प्राकतिक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. महेश गुप्ता ने बताया कि इस चिकित्सालय में पिछले कई वर्षो से फिमेल नर्स का पद खाली है लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा नहीं भरा जा रहा है। महिला नर्स के अभाव में महिला रोगियों को अपना ईलाज कराने में परेशानी आ रही है। इस चिकित्सालय में वर्ष दर वर्ष रोगियों की संख्या बढ़़ रही है। वर्ष 2015-16 के मुकाबले वर्ष 2016-17 में करीब 13 हजार रोगियों की वृद्धि हुई। वर्ष 2015-16 में 56853 रोगियों का ईलाज किया वहीं यह संख्या बढ़़कर 2016-17 में 69660 हो गयी।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि प्रतिदिन 30 से 40 महिला रोगी अपना ईलाज कराने इस चिकित्सालय में आती है। इस चिकित्सालय में 8 पद कम्पाउन्डर व नर्स के स्वीकृत है लेकिन वर्तमान मे 5 पद ही भरे हुए है और उसमें से भी एक कम्पाउन्डर डेपुटेशन पर आयुर्वेद कॉलेज में लगा हुआ है। तीन पद अभी भी खाली पड़े हुए है।
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