रंगशाला में नाटक ‘‘अटकल पच्चू’’ क्लाउन्स ने गुदगुदाया
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित नाट्य संध्या में सेन्टर फॉर एज्यूकेशन एण्ड वॉलन्टरी एक्शन के कलाकारों ने सुकमनी कोहली के निर्देशन में नाटक ‘‘अटकल पच्चू’’ में क्लाउन्स के रूप में दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ गुदगुदाया। नाटक की थीम एलियन बेस्ड होने के साथ-साथ देश की वर्तमान स्थिति को प्रदर्शित करने वाला रहा। सुकमनी कोहली के अनुसार इंसान के शरीर में नाक महत्वपूर्ण है जो इंसान के आवरण को बेपदा कर देती है। किन्तु बिना किसी ठोस कथानक के क्लाउन्स ने अपनी बात बखूबी दर्शकों को बताई। ‘‘जादू’’ वाले एलियन्स की तर्ज पर रंगमंच पर बाकायदा कम्प्यूटरनुमा आकृति बनाई गई तथा एलियन को भारत का न्यौता दिया गया। इसके बाद जब एलियन धरती पर आता है तो लोग उसके सिस्टम को एटीएम मशीन समझ कर पैसा निकालने की लाइन बना लेते हैं। जबकि वास्तव में ये उसका कंट्रोल पैनल था। नाटक में कई बार हास्य पैदा हुआ जिसने दर्शकों को हंसाया वहीं कलाकारों ने अपने श्रेष्ठ अभिनय से दर्शकों को दिल जीत लिया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या रंगशाला में रविवार शाम चंडीगढ़ के कलाकारों ने नाटक ‘‘अटकल पच्चू’’ में क्लाउन बेस्ड एन्टरटेनमेन्ट किया तथा दर्शको को गुदगुदाया।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित नाट्य संध्या में सेन्टर फॉर एज्यूकेशन एण्ड वॉलन्टरी एक्शन के कलाकारों ने सुकमनी कोहली के निर्देशन में नाटक ‘‘अटकल पच्चू’’ में क्लाउन्स के रूप में दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ गुदगुदाया। नाटक की थीम एलियन बेस्ड होने के साथ-साथ देश की वर्तमान स्थिति को प्रदर्शित करने वाला रहा। सुकमनी कोहली के अनुसार इंसान के शरीर में नाक महत्वपूर्ण है जो इंसान के आवरण को बेपदा कर देती है। किन्तु बिना किसी ठोस कथानक के क्लाउन्स ने अपनी बात बखूबी दर्शकों को बताई। ‘‘जादू’’ वाले एलियन्स की तर्ज पर रंगमंच पर बाकायदा कम्प्यूटरनुमा आकृति बनाई गई तथा एलियन को भारत का न्यौता दिया गया। इसके बाद जब एलियन धरती पर आता है तो लोग उसके सिस्टम को एटीएम मशीन समझ कर पैसा निकालने की लाइन बना लेते हैं। जबकि वास्तव में ये उसका कंट्रोल पैनल था। नाटक में कई बार हास्य पैदा हुआ जिसने दर्शकों को हंसाया वहीं कलाकारों ने अपने श्रेष्ठ अभिनय से दर्शकों को दिल जीत लिया।
निर्देशक सुखमनी कोहली ने क्लाउन्स पर अपने कलाकारों से उत्कृष्ट अभिनय करवाया वहीं कलाकारों ने प्रत्येक क्षण अपने अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा। कलाकारों ने रिंकू जैन, चैनीज़ गिल, जसवीर कुमार, जसविन्दर सिंह, गगन जसपाल सिंह, प्रगति शर्मा, कामना लकरिया, विनोद भारती, लखविन्दर सिंह दुग्गल, परन दुग्गल तथा निर्देशक सुख्समनी कोहली शामिल थे। नाटक की प्रकाश व्यवस्था ने प्रस्तुति को आकर्षक बनाया वहीं दृश्य बिम्बों को गठन श्रेष्ठ बन सका। संगीत प्रभाव चैनिज़ गिल का था व प्रकाश व्यवस्था ज्ञानदेव सिंह की थी।
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