पर्यावरण चित्रकला के महाकुम्भ सम्पन्न


पर्यावरण चित्रकला के महाकुम्भ सम्पन्न

दोपहर से जब बारीश का दौर शुरू हुआ तो आयेाजकों के माथे पर पर्यावरण चित्रकला सहित अन्य प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर चिन्ता की लकीरें उभर कर आयी लेकिन जब संाय 4 बजने से पूर्व पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी कल्पनाओं को डांईग शीट पर उकरने को लालायित बच्चों ने बहुत उत्साह के साथ भाग लेने हिरण मगरी से. 4 स्थित तुलसी निकेतन पहुंचे और इतना ही नहीं इस प्रतियोगिता में इस वर्ष 103 स्कूलों के 2148 बच्चों ने भाग लेकर एक रिकॉर्ड कायम किया,यह संख्या गत वर्ष से अधिक थी।

 
पर्यावरण चित्रकला के महाकुम्भ सम्पन्न

दोपहर से जब बारीश का दौर शुरू हुआ तो आयेाजकों के माथे पर पर्यावरण चित्रकला सहित अन्य प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर चिन्ता की लकीरें उभर कर आयी लेकिन जब सांय 4 बजने से पूर्व पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी कल्पनाओं को डांईग शीट पर उकरने को लालायित बच्चों ने बहुत उत्साह के साथ भाग लेने हिरण मगरी से. 4 स्थित तुलसी निकेतन पहुंचे और इतना ही नहीं इस प्रतियोगिता में इस वर्ष 103 स्कूलों के 2148 बच्चों ने भाग लेकर एक रिकॉर्ड कायम किया,यह संख्या गत वर्ष से अधिक थी।

ब्रश के साथ जब नन्हें हाथ ड्रांइग शीट पर चले तो किसी बच्चें ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर किसी फल बनाया तो किसी ने फूल,किसी ने सूरजमुखी का फूल बनाया तो किसी ने उड़ती हुई चिडिय़ा। किसी बच्चें ने उजड़ते वनों को बचाने का संदेश दिया तो किसी ने हरे-भरे गांवों का खाका खींचा। कुछ बच्चों ने विरान होते जंगलों को बचाने हेतु उसमें वन्यजीव संरक्षण का संदेश देते हुए अपनी चित्रकला बनायी तो वे देखते ही बनी।

अवसर था रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर एवं तुलसी निकेतन रेजीडेंशियल स्कूल के सहयोग से भारतीय पर्यावरण शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद (सीरी) के तत्वावधान में आज विद्यालय स्तरीय पर्यावरण चित्रकला महाकुम्भ प्रतियोगिता के आयोजन का। प्रतियोगिता में भाग लेने का बच्चों में इतना उत्साह था कि आयोजकों के पास स्थान कमी पड़ गई। बच्चों के साथ कार्यक्रम में करीब 1500 अभिभावक भी उपस्थित थे।

क्लब की पर्यावरण संरक्षण कमेटी के चेयरमेन यशवंत कोठारी ने बताया कि प्रतियोगिता शाम 4 बजे से सेक्टर 4 स्थित टी. एन. रेजीडेंशियल स्कूल में 4 वर्गों में आयोजित की गई। इसमें नर्सरी व एलकेजी के लिए फूल या फल, यूकेजी एवं कक्षा प्रथम के लिए सूरजमुखी या चिडिय़ा, कक्षा दूसरी से चौथी के लिए वन या गांव का दृश्य तथा पांचवी से आठवीं के बच्चों के लिए जंगल या वन्यजीव की ड्राइंग बनानी थी।

क्लब अध्यक्ष बी.एल.मेहता ने बताया कि सभी के लिए अलग अलग वर्गों में पुरस्कार भी रखे गए हैं। इनमें साइकिल, केसियो, स्केट्स, रॉकिंग चेयर, क्रिकेट किट, हाथ घड़ी आदि शामिल हैं। प्रतियोगिता के लिए शीट क्लब की ओर से दी गई। बच्चों पेंसिल, रबर, क्लिप बोर्ड, रंग, क्रेयॉन, ब्रश आदि अपने साथ लाये। प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र व नाश्ता दिया गया। विजेताओं की कृतियां क्लब की मेगजीन में प्रकाशित होगी। विजेता प्रतियोगियों को अगले माह रोटरी बजाज भवन में आयोजित होने वाले एक समारोह में पुरूस्कृत किया जाएगा।

क्लब सचिव सुरेन्द्र जैन ने बताया कि इसके साथ ही 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए डॉ. देवेन्द्र सरीन एवं डॉ. बी. एल. सिरोया के संयोजन में स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें 80 बच्चों के स्वास्थ्य की जंाच की गई। पर्यावरण संरक्षण विषयक पर्यावरण क्विज प्रतियोगिता कक्षा नौ से 12 तक के लिए भी आयोजित की गई। इसमें 18 स्कूलों के 39 बचचों ने भाग लिया। इसके अलावा पोस्टर प्रतियोगिता में 230 बच्चों ने तो कविता एंव नारा प्रतियोगिता में 134 बच्चों ने भाग लिया। साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में 50 बच्चों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई।

प्रेस नोट

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