पटाखो क़ी आवाज व धुंए से देशी प्रवाशी पक्षी घोर संकट में


पटाखो क़ी आवाज व धुंए से देशी प्रवाशी पक्षी घोर संकट में

झील किनारे की सड़के ,वाटिकाए व होटलो में किसी भी प्रकार की आतिशबाजी पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। पटाखो की आवाज व धुंए से देशी प्रवाशी पक्षी घोर संकट में है।

 

पटाखो क़ी आवाज व धुंए से देशी प्रवाशी पक्षी घोर संकट में

झील किनारे की सड़के ,वाटिकाए व होटलो में किसी भी प्रकार की आतिशबाजी पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। पटाखो की आवाज व धुंए से देशी प्रवाशी पक्षी घोर संकट में है। उक्त विचार झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित संवाद में व्यक्त किये गए। 

झील मित्र संस्थान के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झील किनारे के घाटो पर बैठ कर शराब पीने का प्रचलन बढ़ा है तथा किनारो पर स्थित कतिपय होटलों व गेस्ट हाउस द्वारा शराब की बोतले झील में फेंकी जा रही है। इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।

झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता व ट्रस्ट सचिव नन्द किशोर शर्मा कहा चाइनीज धागे से पक्षी तो मर ही रहे है कई बार इससे बच्चो व नागरिको को भी कट लग रहा है इसे रोकना चाहिए। झीलों में नाना प्रकार की सामग्री फेंकी जा रही है जिससे जलीय गुणवत्ता ख़त्म हो रही है इसे रोकने के लिए प्रशासन के साथ साथ नागरिको को भी पहल काने की जरुरत है। रक्त अल्पता दूषित भोजन व पानी का परिणाम है। नागरिको में रक्त की कमी दूर हो इसके लिए जरुरी है कि झीलों का पानी जो पेयजल है उसे सभी मिलकर शुद्ध रखे।

संवाद पूर्व झील मित्र संस्थान ,झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रमदान में पिछोला के बरीघाट क्षेत्र से झील में फेके गए नए के नए पोलिथिन के कई बंद पैकेट , साठ सित्तर बोतले,घरेलु अत्तु सामग्री,सड़ी गली खाद्य सामग्री,नारियल ,प्लास्टी सहित जलीय घास निकाली।

श्रमदान में मोहन सिंह चौहान,रमेश चन्द्र राजपूत , अम्बालाल नकवाल,कुलदीपक,नितिन,शुभम,हर्षुल,प्रियांशी,गरिमा,चिया, बिहारी लाल पुरोहित,ललित पालीवाल,राम लाल गेहलोत,प्रताप सिंह राठोड,बी एल पालीवाल,अजय , तेज शकर पालीवाल,अनिल मेहता,नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।

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