सुराज यात्रा में उडी नगर निगम के नियमों की धज्जियाँ
सुराज संकल्प यात्रा के चलते पूरे शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग, बेनर, पोस्टर लगे नजर आ रहे हैं, और साथ ही में नजर आ रही है नगर निगम की कमजोरी। नगर निगम ने शहर को अवैध होर्डिंग से मुक्त करने के लिए कड़े नियम निकाले थे, जिसके अंतर्गत बिना निगम की स्वीकृति के कोई भी व्यक्ति चौराहों पर या सरकारी स्थानों पर कोई विज्ञापन सामग्री नही लगा सकते। नियम तोड़ने वाले पर क़ानूनी कार्यवाही का प्रावधान भी बनाया गया था।
सुराज संकल्प यात्रा के चलते पूरे शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग, बेनर, पोस्टर लगे नजर आ रहे हैं, और साथ ही में नजर आ रही है नगर निगम की कमजोरी।
नगर निगम ने शहर को अवैध होर्डिंग से मुक्त करने के लिए कड़े नियम निकाले थे, जिसके अंतर्गत बिना निगम की स्वीकृति के कोई भी व्यक्ति चौराहों पर या सरकारी स्थानों पर कोई विज्ञापन सामग्री नही लगा सकते। नियम तोड़ने वाले पर क़ानूनी कार्यवाही का प्रावधान भी बनाया गया था।
आज जिला परिषद में बीस सूत्रीय मुद्दों को बैठक में समिति सदस्यों ने नगर निगम आयुक्त सत्यनारायण आचार्य से इसी बाबत सवाल कर आचार्य को असमंजस में डाल दिया।
समिति सदस्यों ने आचार्य से सवाल किया कि शहर में अवैध लगे बैनर क्यों नही हटवाएं गए और क़ानूनी कार्यवाही क्यों नही हुई। समिति सदस्यों ने गाँधी ग्राउंड में आयोजित होने वाली सुराज संकल्प यात्रा की बैठक की स्वीकृति के बारे में भी पूछा गया।
आचार्य ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि “शहर में लगे बैनर राजनैतिक लोगों का काम है, इसके लिए तो सभी दलों की बैठक बुलाएँगे, व गाँधी ग्राउंड में होने वाली सभा के मामले में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं”
इस मामले में कोई और सवाल होता उससे पहले आयुक्त बैठक से निकल गए, और पीछे बचे लोगों के लिए छोड़ गए सवाल की
क्या सही में आचार्य इस मामले से अनजान है …..? या बन रहे हैं ….?
क्या नगर निगम आयुक्त के पद पर राजनीति हावी ……?
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