‘पायल‘ गीत सुनाती हैं ‘संगीता‘ कविता गाती है….
करीब 44 बच्चों के नामाकंन वाले इस आगंनवाडी केन्द्र पर अब नियम
राजसमंद से करीब 13 किलोमीटर दूर मुण्डोल पंचायत का ठेठ ग्रामीण क्षेत्र गेला की भागल के खुशी आगंनवाडी केन्द्र से गुजरते हुए आप बच्चों की मीठी आवाज में गीत और कविता के साथ ही गिनती , हिन्दी और अंग्रेजी की वर्णमाला सुन सकते है। करीब 44 बच्चों के नामाकंन वाले इस आगंनवाडी केन्द्र पर अब नियमित रूप से 30 से अधिक बच्चें आते है जिन्हें अक्षर ज्ञान, सृजनात्मक गतिविधियों से खासा लगाव है। गेला की भागल खुशी केन्द्र की यह सूरत करीब छः माह पूर्व एसी नही थी यहां ना तो इतनी संख्या में बच्चों का नामाकंन था ना ही उनके पास पहनने को ढंग के कपडे थे। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा इस खुशी आंगनवाडी केन्द्र के संचालन के जिम्मे के साथ ही बच्चों के अभिभावकों को यह समझाया गया कि आंगनवाडी केन्द्र में बच्चों के आने से ना सिर्फ उन्हें सुपोषण मिलेगा बल्कि उनके बाल मन का बौद्धिक विकास भी संभव हो सकेगा। धीरे धीरे आदिवासी बाहुल्य इस इलाके के अभिभावको को यह बात समझ आयी और बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई।
इस खुशी केन्द्र की 4 वर्षीय बच्ची पायल अब अंग्रेजी में अपना नाम लिखने के साथ ही स्वागत गीत सुनाती है तो संगीता अभिनय के साथ कविता सुनाती है। यहां पर तीन वर्षीय जसौदा का वजन छः माह पूर्व 10 किलोग्राम से भी कम था लेकिन अब उसका वजन उसकी उम्र के बच्चों के अनुरूप 13 किलोग्राम है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा जतन संस्थान के सहयोग से इस खुशी केन्द्र के बच्चों के लिये दोपहर के भोजन के लिये बर्तन ,बच्चों के नियमित हाथ धुलाने और सवच्छता के लिये सेनिटेशन किट उपलब्ध कराये गये है साथ ही संस्था के कोर्डिनेटर द्वारा नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की जाती है। आस पास के क्षेत्र के कुछ सक्षम भामाशाह एवं अभिभावकों से मासिक बैठके कर उन्हें आगंनवाडी केन्द्र हेतु सहयोग के लिये आग्रह किया गया। बच्चों के पास भामाशाह के सहयोग से ही अब पहनने के लिये अच्छे कपडे है।
बच्चें अब आंगनवाडी में स्वयं गतिविधि करते है, फूल और पत्तियों के हार बनाना हो या कि एक-दूसरे को गिनती सिखाना या फिर महिला एवं बाल विकास द्वारा हाल ही में दी गयी किताबों में अपने हाथों से रंग भरना, सभी में उनका खूब मन लगने लगा है। अब उनका ठहराव सुनिश्चित होने के साथ ही अभिभावक स्वयं बच्चों को आंगनवाडी केन्द्र लाने और ले जाने में रूचि दिखा रहे है। सरकारी पोषाहार को आंगनवाडी सहयोगिनी व कार्यकर्ता द्वारा नियमित रूप से दिया जाता है।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal