निंदा त्याग एवं आत्म चिंतन से होगी आत्मा होगी सुखी
आचार्य जिनदर्शन सुरीश्वर महाराज ने कहा कि यदि वास्तविक रूप में अपनी को आत्मा को सुखी बनाना है तो निंदा का त्याग करने के साथ-साथ आत्म चिंतन करना होगा।
आचार्य जिनदर्शन सुरीश्वर महाराज ने कहा कि यदि वास्तविक रूप में अपनी को आत्मा को सुखी बनाना है तो निंदा का त्याग करने के साथ-साथ आत्म चिंतन करना होगा।
वे आज हिरणमगरी से. 4 स्थित शांति सोमचन्द्र सुरी आराधना भवन में आयोजित धर्म सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होेंने कहा कि दयामय शुद्ध धर्म, विनय, क्षमा, इन्द्रीयदमन, संतोष, साधु-सज्जनों का संग, व्यसनों का त्याग, सत्व शोर्य धर्म पालन में, परमात्मा की भक्ति, सांसारिक सुखों से विराग भाव ये शाश्वत सुख का प्राप्ति का महामार्ग है। इनका अवश्य पालन करना चाहिये।
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