झीलों में गन्दगी की स्थिति जस की तस


झीलों में गन्दगी की स्थिति जस की तस

उच्च न्यायालय द्वारा झीलों में गंदगी के मुद्दे पर स्वतः प्रसंज्ञान लेने के बावजूद झीलों में गन्दगी की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

 

झीलों में गन्दगी की स्थिति जस की तस

उच्च न्यायालय द्वारा झीलों में गंदगी के मुद्दे पर स्वतः प्रसंज्ञान लेने के बावजूद झीलों में गन्दगी की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जहाँ कतिपय लोग अभी भी विभिन्न तरह की गन्दगी कचरा पात्र समझते हुए झीलों में विषर्जित कर रहे है ,प्रशासन द्वारा इसे रोकने एवं हटाने की पुख्ता व्यवस्था नज़र नहीं आती। उक्त विचार झील क्षेत्र में श्रमदान पश्चात हुए संवाद में झिलप्रेमियो ने व्यक्त किये।

चांदपोल नागरिक समिति के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि राष्ट्रिय झील संरक्षण की योजना होने के बावजूद भी झीलों की स्थिति का ख़राब होना प्रश्न चिन्ह पैदा करता है।

झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल के नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि नागरिको एवं प्रशासन की सहभागिता से ही झीलों की प्रभावी स्वच्छता रखी जा सकती है।

वरिष्ठ नागरिक रमेश चन्द्र राजपूत व कैलाश कुमावत ने नागरिको से अपील की कि झीलों को कूड़ादान नहीं बनाये।

पिछोला के बारीघाट एवं अमरकुंड झील से सड़ांध मारते कचरे,शाकाहारी और मांसाहारी खाद्यसामग्री, प्लास्टिक व पोलिथिन, दूध की थेलिया, शराब और पानी की बोतले, अनुपयोगी कपडे, हवन पूजन की सामग्री,फूलमालाएं , नारियल एवं जलीय घास निकाली।

चांदपोल नागरिक समिति एवं डॉ मोहन सिंहमेहता मेमोरियल ट्रस्ट आयोजित रविवारीय श्रमदान में रमेशचन्द्र राजपूत,रामप्रताप जेठी,अजय सोनी,रामलाल गेहलोत,कैलाश कुमावत,संजय जैन,गोपीलाल खटीक,किशनलाल ,नीलेश पुरोहित,जयदीप पालीवाल,तेज शंकर पालीवाल नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।

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