रंग की धारी चली, भीगती नारी चली,बादे बहारी चली


रंग की धारी चली, भीगती नारी चली,बादे बहारी चली

उदयपुर। सृजन द स्पार्क एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आज शाम शिल्पग्राम स्थित मुक्ताकाशी रंगमंच पर शाम-ए-गज़ल कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें गज़ल गायक देवेन्द्र

 

रंग की धारी चली, भीगती नारी चली,बादे बहारी चली

उदयपुर। सृजन द स्पार्क एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आज शाम शिल्पग्राम स्थित मुक्ताकाशी रंगमंच पर शाम-ए-गज़ल कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें गज़ल गायक देवेन्द्र सिंह हिरण व पामिल मोदी भण्डारी की गज़लों ने इस शाम में चार चाँद लगा दिये।

आयोजन के मुख्य अतिथि पश्चिम क्षेत्र साँस्कृतिक केन्द्र के निदेशक सुधांशु सिंह, विशिष्ठ अतिथि अपर जिला सत्र न्यायाधीश (एसीबी) गोपाल बिजोरिवाल, केलिफोर्निया से आये हेरिश एवं श्रीमती व श्री कुर्द डेनियल, मुख्य संरक्षक आईपीएस प्रसन्न कुमार खमेसरा, कार्यक्रम संयोजक राजेश खमेसरा, घनश्याम जोशी, पी.एस.तलेसरा, अब्बास अली बन्दुकवाला, राजेन्द्र शर्मा मौजूद थे।

कार्यक्रम का आगाज पोमिल मोदी भण्डारी ने जगजीतसिंह की गायी गज़ल ’तुमको देखा तो खयाल आया…’, ’कोई जो मिले मुझसा हंसी बात न करना…’, शकील आज़मी की लिखी गज़ल ’खुद को इतना ना बचाया कर, बारीशें हो तो भीग जाया कर..’ को अपनी आवाज दी तो श्रोताओं ने तालियों से उनका उत्साहवर्धन किया। तत्पश्चात देवेन्द्रसिंह हिरण व पामिल मोदी भण्डारी ने युगल स्वर में ’रंग की धारी चली,भीगती नारी चली, बादे बहारी चली, गुल की सवारी चली, रंग भरी मुट्ठियाँ, रंग भरी टोली है,होली है रे होली है…’ गज़ल कोे अपने सुरीले स्वर दिये तो सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की।

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द्वितीय चरण में शहर के ख्यातनाम गज़ल गायक देवेन्द्रसिंह हिरण ने अपनी अपनी स्वरचित गज़ल ’इक फूल के सीने में दिल बन के धड़कता है मैं, इसलिये लागों की नज़रों में खटकता हूं…’ ये अपनी गज़ल संध्या का आगाज किया। ’तेरे आने की खबर महकें…’, ’तेरी खूशबू से सारा घर महकें…’, जगजीत सिह की गज़ल ’कौन आयेगा यहाँ कोई न आया होगा, मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा…’, को अपनी आवाज दी। स्वरचित गज़ल ’के जिसने छिन लिया करार चुपके से उसी से हो गया मुझको भी प्यार चुपके…’, ’सारी फितरत तो नकाबों में छिपा रखी थी…’ को पेश किया तो श्रोताओं ने वन्स मोर की मांग रख दी।

इससे पूर्व अध्यक्ष पी.एस.तलेसरा ने बताया कि मुख्य संरक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा ने जयपुर में इस संस्था की दूसरी शाखा खोली है। जिसका अगले माह उद्घाटन किया जायेगा। आगामी 2 वर्षो में विभिन्न शहरों में 5 और शाखायें खोल कर गज़ल एवं मुशायरों के क्षेत्र में उभरते कलाकारों को मंच दिया जायेगा। मुख्य अतिथि सुधांशु सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। अंत में सचिव अब्बास अली बन्दुकवाला ने आभार ज्ञापित किया।

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