तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव सम्पन्न


तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव सम्पन्न

साधुमार्गी जैन संघ उदयपुर द्वारा आचार्य रामलाल म.सा. की निश्रा में सुन्दरवास स्थित आचार्यश्री नानेश ध्यान केन्द्र में आयोजित किये गये तीन दिवसीय श्री जैन भगवती दीक्षा महोत्सव के तीसरे दिन देश भर से आये 15 हजार से अधिक श्रावक-श्राविकाओ की उपस्थिति में श्री जैन भागवती दीक्षा का भव्य महोत्सव सम्पन्न हुआ। दीक्षा के निर्धारित समय पूर्व ही दीक्षा स्थल पर बना पांडाल खचाखच भर गया। दीक्षा से पूर्व दीक्षार्थियों की सुंदर वास स्थानक से आचार्य नानेश ध्यान केंद्र तक महानिष्क्रमण यात्रा निकली जिसमें सैकड़ों समाजजनों ने भाग लिया।

 

तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव सम्पन्न

साधुमार्गी जैन संघ उदयपुर द्वारा आचार्य रामलाल म.सा. की निश्रा में सुन्दरवास स्थित आचार्यश्री नानेश ध्यान केन्द्र में आयोजित किये गये तीन दिवसीय श्री जैन भगवती दीक्षा महोत्सव के तीसरे दिन देश भर से आये 15 हजार से अधिक श्रावक-श्राविकाओ की उपस्थिति में श्री जैन भागवती दीक्षा का भव्य महोत्सव सम्पन्न हुआ। दीक्षा के निर्धारित समय पूर्व ही दीक्षा स्थल पर बना पांडाल खचाखच भर गया। दीक्षा से पूर्व दीक्षार्थियों की सुंदर वास स्थानक से आचार्य नानेश ध्यान केंद्र तक महानिष्क्रमण यात्रा निकली जिसमें सैकड़ों समाजजनों ने भाग लिया।

दीक्षा स्थल पर पहुंचने के बाद आचार्य श्री रामलाल महाराज की निश्रा में सभी दीक्षार्थियों जिनमें मुमुक्षु श्री निर्मल मालू, मुमुक्षु श्रीमती चंदन देवी मालू, मुमुक्षु सुश्री सपना लोढ़ा, मुमुक्षु प्रोफेसर सुश्री निकिता कोटडिया, नीरज मालू, मुमुक्षु सुश्री समता मालू को श्वेत वस्त्र धारण करवाएं गए। इसके बाद आचार्य श्री ने करीब 1 घंटे की विभिन्न धार्मिक क्रियाएं अनुष्ठान और मंत्रोच्चार के बीच सभी दीक्षार्थियों की मंगल दीक्षा संपन्न करवाई। दीक्षा के बाद सभी दीक्षार्थियो ने खड़े होकर के आचार्य श्री की वंदना की एवं अपने मन के भाव व्यक्त किए। दीक्षा प्रदान करने से पूर्व आचार्य श्री ने कहा कि दीक्षार्थियों के परिवार जनों की तरफ से अनुज्ञा पत्र और अनुमति पत्र प्राप्त हो चुके हैं। आचार्यश्री ने दीक्षा स्थल पर उपस्थित दीक्षार्थियों के परिवारजनों और समाज जनों से दीक्षा प्रदान करने की अनुमोदना भी करवाई, तो सभी ने अपने हाथ खड़े कर दीक्षा की अनुमोदना की। इसी दौरान आचार्यश्री ने दीक्षा अंखियों से भी दीक्षा ग्रहण करने की सहमति मांगी जिस पर सभी देशवासियों ने अपनी सहमति दी।

दीक्षा संपन्न होने के बाद वहां उपस्थित साध्वी चरित्र आत्माओं ने मंगल गीत एवं बधाइयों का गायन किया दीक्षा सम्पन्न होने के बाद जयकारों से संपूर्ण पंडाल गूंज उठा।

दीक्षा स्थल का नजारा ऐसा था कि वहां पर पांव रखने तक की जगह नहीं थी। देश भर से आए श्रावक-श्राविकाओं में इस अद्भुत और ऐतिहासिक नजारे के साक्षी बनने की होड़ मच गई। हर कोई इस ऐतिहासिक पल को अपनी आंखों में हमेशा के लिए कैद करना चाह रहा था। बुजुर्ग, युवा, बच्चें, महिलाएं, युवतियां हर कोई दीक्षा महोत्सव को एक टक निहारते रहे।

दीक्षा स्थल पर महिलाओं और पुरुषों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। किसी को भी परेशानी ना हो और किसी प्रकार की अव्यवस्था ना हो इसके लिए समाज की तरफ से समाज के कई समाज सेवक व्यवस्थाएं संभालने में लगे रहे।

ये है नव दीक्षार्थियो के नाम-

परम पूज्य ’आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलाल जी म.सा. ने आज नानेश ध्यान केन्द्र,उदयपुर में 6 दीक्षाऐं सम्पन्न करायी। जिसमें चारित्र-आत्माओं के नामकरण निर्मल मालू-नवदीक्षित संत निश्रेयस मुनि जी म. सा.,नीरज मालू नवदीक्षित संत नवोन्मेष मुनि म. सा., चंदनदेवी मालू नवदीक्षिता महासती मणामगंधाश्री म. सा., सपना लोढ़ा-नवदीक्षिता महासती संयमसुगंधाश्री म.सा., निकीता कोटड़िया, नवदीक्षिता महासती निरामगंधाश्री म.सा., समता मालू नवदीक्षिता महासती सौम्यसुगंधाश्री जी म. सा.बनें।

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