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एम्बिकल कॉर्ड के रक्त में छिपा है असाध्य बीमारियों का ईलाज

विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि अब तक हम डिलीवरी के बाद माँ बच्चे को जोडऩे वाली जिस एम्बिकल कॉर्ड को फेंकते रहे है, वह अनेक असाध्य बीमारियों में जीवन रक्षक के रूप में साबित हुई है। उस एम्बिकल कॉर्ड में खून से संबधित बीमारियों थेलिसिमिया एंव एल्यूकेमिया जैसी असाध्य बीमारियों का ईलाज छिपा हुआ है।

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एम्बिकल कॉर्ड के रक्त में छिपा है असाध्य बीमारियों का ईलाज

विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि अब तक हम डिलीवरी के बाद माँ बच्चे को जोडऩे वाली जिस एम्बिकल कॉर्ड को फेंकते रहे है, वह अनेक असाध्य बीमारियों में जीवन रक्षक के रूप में साबित हुई है। उस एम्बिकल कॉर्ड में खून से संबधित बीमारियों थेलिसिमिया एंव एल्यूकेमिया जैसी असाध्य बीमारियों का ईलाज छिपा हुआ है।

इसके अलावा पार्किन्सन जैसी बीमारी में एम्बिकल कॉर्ड के रक्त में पाये जाने वाले स्टेम सेल के ट्रांसप्लान्ट के पश्चात उसके ईलाज में प्रगति देखी गई है। आने वाले वर्षो में इन स्टेमसेल के जरिए डायबिटीज, कैंसर, ह्दय रोग, पक्षाघात जैसी बीमारियों के ईलाज संभव हो पायेगा। इन पर खोज जारी है।

देश में इन स्टेमसेल को प्रिजर्व करने वाली कंपनी क्रायोबैंक्स इन्टरनेशनल इंडिया के एरिया सेल्स मेनेजर शैलेष शर्मा ने कल रोटरी क्लब एलिट द्वारा होटल गोरबंद में आयोजित वार्ता मे मुख्य वक्ता के रूप में कही।

भविष्य में उस परिवार में यदि कभी किसी को असाध्य बीमारी होती है तो उस समय ट्रांसप्लान्ट हेतु वे स्टेमसेल दे दिये जाते है। यदि भविष्य में बच्चे व उसके भाई.बहिन कोई बीमारी होती है जिसका ईलाज स्टेमसेल से संभव हो तो कंपनी द्वारा ईलाज हेतु 5 लाख रूपया भी दिया जाता है।

इससे पूर्व क्लब अध्यक्ष आर. के सिंह ने दामिनी की मौत पर शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरकार इस मौत से सबक लेगी और महिलाओं की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए। बैठक में रमेश मोदी ने दीमिनी पर स्वरचित कविता का वाचन कर श्रद्धांजलि दी।

अंत में सचिव पुनीत सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अगले माह स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर यशवन्त मडावरा, अशीष चोर्डिया, दिलीप सिंह, रेखा, निधि सक्सेना, रेखा लाहोटी, पूनम सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।

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