उदयपुर 6 अप्रेल 2022। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला के समापन अवसर पर रिज़वान ज़हीर उस्मान द्वारा लिखित एवं सुनील टाँक द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘कल्पना पिशाच‘‘ का मंचन शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में किया गया।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित नाट्य संध्या में मंचित नाटक के माध्यम से समाज में व्याप्त ऊँच-नीच, भेदभाव एवं सामाजिक विषमताओं को दर्शाया गया।
नाटक एक पुराने गाँव की कहानी बताई गई है। जिसमें क्रूर जमींदारो का गाँव की जनता के प्रति दुर्व्यवहार, ऊँच-नीच का भेदभाव, गरीबो का शोषण जैसी समस्याओं को एक कड़ी के रूप में पिरोया गया है। इस नाटक में ‘पिशाच‘ की संज्ञा जमींदारों को दी गई है तथा ‘कल्पना‘ की संज्ञा उस पिशाच की कैद से मुक्त होने के लिए किए गए संघर्षो और उन बेबस लोगों के सपनो से जुड़ी हुई है।
समय के साथ-साथ शोषण का स्वरूप बदलता गया, समय-समय पर किये गये शोषण के विरोध के लिए आवाज उठाई गई परन्तु आज भी कहीं ना कहीं ये शोषण समाज का हिस्सा है।
इस नाटक के मंचन में प्रयुक्त कलाकार जमींदार - शैलेन्द्र शर्मा, बंधक - मुकेश मेघवाल, जिगर जोशी, भावेश सिंघटवाड़िया, जासूस - अशोक कपूर, पति - रमेश नागदा, चंपा - तमन्ना गोयल, चमेली-रिमझिम जैन, किन्नर बिजली - मोहसिन खान, सहेली - युविका गहलोत, बच्चे- काव्या, पाखी, स्टेज मैनेजर- मोनिका भट्ट, महिपाल सिंह राठौड़, सेट एवं प्रॉप्स - शैलेन्द्र शर्मा, नरेश गौड़, जिगर जोशी, कॉस्ट्यूम - जगदीश चंद्र पालीवाल, अजय शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह सोलंकी, मेकअप- प्रीती चौहान, म्यूजिक - अखिलेश झा, कैमेरा - अक्षय जैन, लाइट्स - राकेश झंवर, प्ले डिजाइन - शैलेन्द्र शर्मा, डायरेक्शन - सुनील टाँक, बैक स्टेज - सुमित राजपुरोहित है।
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