बॉबी ब्रेकर के मंचन के साथ नाट्य समारोह का समापन


बॉबी ब्रेकर के मंचन के साथ नाट्य समारोह का समापन

भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर मे तीन दिवसीय नाट्य समारोह के अंतिम दिन ‘‘बॉबी ब्रेकर’’ का मंचन हुआ। समारोह में अतिथि के.पी.सिंह एवं डॉ. शैल चोयल थे। संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर एवं मानद सचिव, रियाज तहसीन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, चंडीगढ संगीत नाटक अकादमी, चंडीगढ एवं दी परफॉरमर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नाट्य समारोह के अंतिम दिन नाटक ‘‘बॉबी ब्रेकर ’’ श्रीमती गीता अग्रवाल द्वारा निर्देशि

 
बॉबी ब्रेकर के मंचन के साथ नाट्य समारोह का समापन

भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर मे तीन दिवसीय नाट्य समारोह के अंतिम दिन ‘‘बॉबी ब्रेकर’’ का मंचन हुआ। समारोह में अतिथि के.पी.सिंह एवं डॉ. शैल चोयल थे। संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर एवं मानद सचिव, रियाज तहसीन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, चंडीगढ संगीत नाटक अकादमी, चंडीगढ एवं दी परफॉरमर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नाट्य समारोह के अंतिम दिन नाटक ‘‘बॉबी ब्रेकर ’’ श्रीमती गीता अग्रवाल द्वारा निर्देशित, शर्मा धरोहर इंस्टीट्यूट ऑफ परफोरमिंग आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज, यमुनानगर की प्रस्तुति आरंभ हुई।

नाटक की कथा कुछ इस प्रकार थी युवा नायक विश्वास जोशी उर्फ बॉबी हकलाता है इसलिये उसके यार.दोस्त उसे बॉबी ब्रेकर बुलाते है हीन भावना से ग्रसित बॉबी शब्द पहेली सुलझाने मे अपने आप को व्यस्त रखता है, उसे मिस चौधरी से एकतरफ़ा प्यार है पर यह बात अपनी कमी को चलते वह जता नही पा रहा है, कहानी के इस मोड पर बॉबी का मित्र मदद करने हेतू उसे डॉक्टर (स्पीच थेरेपिस्ट ) के पास ले जाता है, बॉबी मे आत्मविश्वास की कमी को भांप कर डॉक्टर उसे रोज़ाना अंजान लोगों से बात करने की सलाह देती है।

बॉबी ब्रेकर के मंचन के साथ नाट्य समारोह का समापन

फिर शुरू होती है बॉबी की मजेदार अग्नीपरिक्षा एक से बढ़कर एक अजनबीयों से बॉबी की मुलाकात होती है, मजेदार घटनाओं का दौर चल पडता है। बॉबी अब निराश हताश होने लगता है, वह अपनी थेरपी बंद कर देता है, बॉबी की निराशा देख उसका मित्र मिस चौधरी को बॉबी के दिल का हाल बताता है मिस चौधरी बॉबी से मिलती है, उसके सीधे.सच्चे स्वभाव से प्रभावित मिस चौधरी बॉबी को पसंद करने लगती है अंत मे बॉबी की मुलाकात मिस चौधरी की मित्र सुधा से होती है और उसे जीने के एक नया नज़रिया मिलता है बॉबी का आत्मविश्वास जाग जाता है।

थेरपी के दौरान बॉबी अनेक ऐसे किरदारों से मिलता है जो क्यों से घिरी हमारे समाज की मानसिकता को व्यंगात्मक तरीके से दर्शाते है हर कोई अपनी कमी को छिपाता उससे जूझता उससे लड़ता नजर आता है या फिर खुदसे झूठ बोल कर स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने की नाकाम कोशिश करता दिखता है

बॉबी ब्रेकर के मंचन के साथ नाट्य समारोह का समापन

गीता अग्रवाल का निर्देशन बहुत ही उत्कृष्ट था। नाटक के मुख्य पात्र मे पेशेंट, पुलिस, पिता-राजेन्द्र शर्मा, बॉबी-गौरव, मिस चौधरी- ओंकारस्वामी, छोटेबॉबी-चिन्मय, मित्र-आकाशदीप, डॉक्टर,मित्र-गीता अग्रवाल, चपरासी, बुजुर्ग- नीरज, कुलभूषण, विक्रमाजीत व पारूल की भुमिकाएॅ प्रशंसनीय व सराहनीय रही। कार्यक्रम के अन्त में संस्था के सहायक निदेशक गोवर्धन सामर ने सभी दर्शको, कलाकारो, चंडीगढ संगीत नाटक अकादमी, कलामण्डल के कार्यकर्ताओ, दी परफोरमर्स के कार्यकर्ताओ एवं पत्रकारो को धन्यवाद ज्ञापित किया व आशा व्यक्त कि की निकट भविष्य में शीघ्र ही और नाटको का मंचन कला मण्डल आयोजित करेगा

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