गीता के समष्टि ज्ञान में है राजनीतिक बवण्डर का समाधान-प्रो. गुप्ता
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय, के संस्कृत विभाग द्वारा ‘भगवद्गीता की वर्तमान काल में उपादेयता’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में प्रो. पुष्पा गुप्ता , अजमेर ने व्यक्त किये।
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय, के संस्कृत विभाग द्वारा ‘भगवद्गीता की वर्तमान काल में उपादेयता’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में प्रो. पुष्पा गुप्ता , अजमेर ने व्यक्त किये।
वे इस व्याख्यान माला की मुख्य अतिथि तथा मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थी उन्होंने बताया कि गीता में निर्दिष्ट समष्टिगत दृष्टि द्वारा ही हम जीवन में आगे बढ सकते हैं और इसी से जो वर्तमान काल में राजनीतिक बवण्डर व राजनीतिक मुल्यों का हास हुआ है उनकी पुनः स्थापना की जासकती है।
उन्होंने बताया कि गीता कर्म, ज्ञान और भक्ति पर आधारित है और मनुष्य को निष्काम कर्म करना चाहिए तभी वह जीवन में सुखी रह सकता है तथा गीता को षक्ति मानकर , उहापोह में न फंसकर नीति का आश्रय लेकर चलने से विजय प्राप्त होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय की अधिष्ठाता प्रो. सुमन पामेचा तथा सारस्वत अतिथि प्रो. हेमलता बोलिया पूर्व अध्यक्ष संस्कृत विभाग, मोहन लाल सुखाडिया विष्वविद्यालय तथा प्रो. पी. के. पंजाबी, अधिष्ठाता षोध, जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय, उदयपुर तथा डॉ. षक्ति कुमार षर्मा थे।
कार्यक्रम के आरम्भ में विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज प्रकाष जोषी ने अतिथियों के स्वागत के साथ उनका परिचय व कार्यक्रम की रूप रेखा पर प्रकाष डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुसुम लता टेलर ने तथा धन्वाद डॉ. निर्मला पुरोहित द्वारा दिया गया।
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