नवीन तकनीकी युक्त ध्वनि श्रवण यंत्रों की रहेगी उपलब्धता


नवीन तकनीकी युक्त ध्वनि श्रवण यंत्रों की रहेगी उपलब्धता

देश के पांचवे और राज्य के पहले सीमेंस बेस्ट साउंड सेंटर के तत्वावधान में चपलोत नाक, कान, गला हॉस्पिटल के उदघाटन के दौरान प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें सीमेंस कंपनी के सि.इ.ओ. बर्नड वेगनर, चपलोत हॉस्पिटल निदेशक डॉ चपलोत, सीमेंस हेड ऑफ़ सेल्स गौरीशंकर मौजूद थे। जर्मनी की सीमेंस कम्पनी के जॉइंट वेंचर के साथ हॉस्पिटल का उदघाटन हुआ।

 
नवीन तकनीकी युक्त ध्वनि श्रवण यंत्रों की रहेगी उपलब्धता

देश के पांचवे और राज्य के पहले सीमेंस बेस्ट साउंड सेंटर के तत्वावधान में चपलोत नाक, कान, गला हॉस्पिटल के उदघाटन के दौरान प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें सीमेंस कंपनी के सि.इ.ओ. बर्नड वेगनर, चपलोत हॉस्पिटल निदेशक डॉ चपलोत, सीमेंस हेड ऑफ़ सेल्स गौरीशंकर मौजूद थे। जर्मनी की सीमेंस कम्पनी के जॉइंट वेंचर के साथ हॉस्पिटल का उदघाटन हुआ।  

सीमेंस कंपनी के सि.इ.ओ. बर्नड वेगनर ने बताया कि, देश के विभिन्न स्थानों पर प्रथम चरण में 15 सेंटर और द्वितीय चरण में 10 सेंटर स्थापित किया जायेगे जिससे कर्ण रोगियों के इलग के लिए बेहतर उत्पाद एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगे। इस प्रकार के सेंटर में कंपनी के विश्वस्तरीय कम्प्युटराइज एंव नॉनकम्प्युटराइज श्रवण यंत्र एक ही स्थान पर मिलेंगे।

बर्नड वेगनर के मुताबिक सीमेंस कंपनी ने 2 वर्ष पूर्व मिनी सीआईसी लांच की है, जो कान में लगने के बाद दिखाई नहीं देती और 8 माह पूर्व वाटरप्रूफ एक्वारिस माडल मशीन लांच की, जिसे 3 फिट गहरे पानी में 3 घंटे तक रखने के बाद भी मशीन काम करेगी।

चपलोत नाक, कान, गला हॉस्पिटल के निदेशक डॉ चपलोत ने बताया कि, जन्म से बहरे बच्चो के लिए नाइट्रो सूक्ष्म सीआईसी है जो प्रफ़ाउन्ड लॉस (120 डीबी) से अधिक नुकसान होने पर भी सुनने की शक्ति प्रदान करती है और यह कान के अन्दर लगाई जाती है। कम्पनी द्वारा निर्मित मशीनो की लागत 2 हजार रु से लेकर 2.25 लाख रु तक है।

चपलोत हॉस्पिटल में नाक, कान, गला रोगियों के लिए प्रत्येक तीन माह में हॉस्पिटल परिसर में शिविर आयोजन किया जायेगा जिसमें रोगियों को किफायती दर में श्रवण यन्त्र उपलब्ध कराये जाएँगे एंव बधिर बच्चो को स्पीच थेरेपी का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डॉ. चपलोत के मुताबिक, हॉस्पिटल में बेरा टेस्ट के द्वारा 1 दिन के बच्चे की जाँच कर पता लगाया जा सकता है की बच्चे के सुनने की क्षमता कितनि है। इस जाँच को बच्चो का प्रसव के दौरान देर से रोना,बच्चो में ताण आना, बच्चो का देर से बोलना,मंद बुद्धि बच्चो की स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में किया जाता है।

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