विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ का तीसरा दिन

विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ का तीसरा दिन

विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ के पाँच दिवसीय आयोजन के तहत तीसरे दिन गुलाब बाग में ‘प्रभाती’ कार्यक्रम के तहत अहमदाबाद की अपर्णा मेनन एवं ग्रुप ने कर्नाटकी शैली में गायन प्रस्तुत कर श्रोताओं को किया भाव-विभोर। सुबह की हेरिटेज वाॅक में अतिथियों ने किया शहर के ऐतिहासिक एवं कलात्मक मंदिरों का भ्रमण

 

विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ का तीसरा दिन

विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ के पाँच दिवसीय आयोजन के तहत तीसरे दिन गुलाब बाग में ‘प्रभाती’ कार्यक्रम के तहत अहमदाबाद की अपर्णा मेनन एवं ग्रुप ने कर्नाटकी शैली में गायन प्रस्तुत कर श्रोताओं को किया भाव-विभोर। सुबह की हेरिटेज वाॅक में अतिथियों ने किया शहर के ऐतिहासिक एवं कलात्मक मंदिरों का भ्रमण। दरबार हाॅल में विश्व विरासत के विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर की चर्चा और वर्कशोप। जनाना महल के लक्ष्मी चौक में सजा रहा शिल्प एवं कला का संगम ‘सृजन’ बाजार तथा रात्रि में फतह सागर की पाल पर जमा कथक और सूफी संगीत का रंग।

शुक्रवार की प्रातः सूर्योदय पूर्व गुलाब बाग में ‘प्रभाती’ कार्यक्रम के तहत अहमदाबाद की अपर्ना मेनन एवं ग्रुप ने संस्कृत बंदिशों का कर्नाटकी शैली में गायन प्रस्तुत कर ‘मोर्निंग रागास’ की परम्परा का सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर ‘विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ की संयोजक वृंदाराजे सिंह ने देश-विदेश से आये अतिथि एवं श्रोताओं को बताया कि ऐसे आयोजन मनुष्य में मानसिक शांति प्रदान करते है और साथ ही व्यक्ति को दिनभर के लिये ऊर्जावान भी बनाते है। गायन के क्षेत्र में भारत में कई शैलिया विकसित हुई जो आज भी परम्परागत और वंशानुगत पीढ़ी दर पीढ़ी इस विरासत को संजोये रखा है। प्राचीन भारतीय संगीत हमारी विरासत है जिन्हें ओर बढ़ावा दिया जाना चाहिये।

प्रातः 8 बजे से सिटी पैलेस उदयपुर के बड़ी पोल से हेरिटेज वाॅक का आरम्भ हुआ। इस ऐतिहासिक भ्रमण में देश-विदेश से आये अतिथियों ने शहर के ऐतिहासिक एवं कलात्मक मंदिरों का भ्रमण कर। मेवाड़ की मंदिर कला एवं उसके शिल्प की बारीकियों से रू-ब-रू हुए। संयोजक सिंह ने बताया कि भारत में मंदिर निर्माण कला विभिन्नताओं से भरी है। भारत में हर क्षेत्र प्रदेश में मंदिर निर्माण कला उस क्षेत्र की प्राकृतिक उपलब्धता पर भी निर्भर करती है। मेवाड़ क्षेत्र में सदियों पूर्व बने कई विशाल मंदिर आज भी मेवाडी शिल्प एवं मूर्ति कला के श्रेष्ठ उदाहरण है।

संयोजक सिंह ने बताया इसी तरह प्रातः 10.30 बजे से फतह प्रकाश के दरबार हाॅल में अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार ‘रि-थिंकिंग टेम्पल्स‘ में भारत में मंदिरों के निर्माण और उससे सम्बद्ध आगम शास्त्र और शिल्प शास्त्र पर पावर पोइंट प्रजेंटेशन केलिफोर्निया काॅलेज आॅफ आर्ट्स, यूएसए की वरिष्ठ व्याख्याता डाॅ. डेबरा स्टेन ने व्याख्यान के साथ प्रस्तुत किया। द्रोना फाउण्डेशन गुडगाँव की निदेशक डाॅ. शिखा जैन, टीवीएस शिल्प विद्या गुरुकुलम्, कुम्भाकोणम् के निदेशक के.पी. उमापति आचार्य, नई दिल्ली से टेक्सटाइल की कंजरवेटर स्मिता सिंह आदि ने व्याख्यान प्रस्तुत किये। विरासत समारोह के इस अवसर पर श्री एकलिंगजी के पूर्व पुजारी नरेन्द्र प्रकाश दशोरा ने अपने वंशानुगत चले आ रहे मेवाड़नाथ श्री एकलिंगजी की पूजा विधान को समझाया और मंदिर की मूर्तिकला, शिव के रूप तथा नागदा के प्राचीन मंदिरों की बनावट आदि पर प्रकाश डाला।

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जीवंत विरासत में फ्रांसीसी हस्तक्षेप के ‘राउंड टेबल डिस्कशन‘ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विषय विशेषज्ञों के पैनल में फ्रेंच इंस्टीट्यूट इन इण्डिया की काउंसलर फोर काॅर्पोरेशन एंड कल्चर एफेयर्स एंड कंट्री डायरेक्टर डाॅ. बर्टेंड डे हार्टिंग, रिसर्च फेलो फ्रांसीसी इंस्टीट्यूट आॅफ पांडिचेरी की डाॅ. निकोलस बोटेस, दिल्ली की आर्किटेक्ट ऐश्वर्या टिपनिस, चेंबर्ड की राष्ट्रीय संपदा की निदेशक सेसिल डी वेणंत ने विश्व जीवंत विरासत महोत्सव की मुख्य समन्वयक वृंदाराजे सिंह के साथ कई फ्रांस और भारत की विरासत पर सविस्तार चर्चा की।

दोपहर 2 बजे बाद पारम्परिक अस्त्र-शस्त्र के कारीगर ‘सिकलीगर’ के साथ नई दिल्ली की सेन्टर फोर आॅर्ट कंजरवेशन एवं रिसर्च एक्सपर्ट (केयर) की कंजरवेटर एवं डायरेक्टर डाॅ. वंदना सिंह द्वारा जनाना महल के लक्ष्मी चौक वर्कशोप आयोजित की गई तथा अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के सेन्टर फोर हेरिटेज मेनेजमेंट के निदेशक डाॅ. नीलकमल एवं द्रोना फाउण्डेशन, गुड़गाँव की निदेशक डाॅ. शिखा जैन की ओर से लिविंग हेरिटेज डाॅक्यूमेंटशन पर वर्कशोप की आयोजित हुई।

विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ का तीसरा दिन

सायंकालीन समारोह में 7 बजे से फतह सागर की पाल पर संगीत एवं नृत्य का मन मोहक आयोजन हुआ। जिसमें उदयपुर के कला आश्रम काॅलेज आॅफ परफोर्मिंग आर्ट के सदस्यों द्वारा कथक की प्रस्तुती दी गई तो अगले प्रोग्राम के तहत जालंधर की नूरा सिस्टर्स की ओर से आत्मसात कर देने वाला सूफी संगीत की प्रस्तुती दी गई।

इस आयोजन के साथ ही आर्ट एंड क्राफ्ट बाजार ‘सृजन’ जनाना महल के लक्ष्मी चौक में देश-विदेश से सिटी पेलेस भ्रमण करने आने वाले आगंतुकों के लिये प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक चलता रहा। पर्यटकों ने आर्ट एंड क्राफ्ट बाजार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

‘विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018’ की संयोजक वृंदाराजे सिंह ने बताया कि इस महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को मोर्निंग रागा के तहत् गुलाब बाग में प्रो. अलंकार सिंह पटियाला की ओर से भजन एवं शबद गुरुवाणी प्रस्तुत की जाएगी। दरबार हाॅल के सभागार कॉन्फ्रेंस हाॅल में अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार मे ‘कहानी, परम्परा और भविष्य: मौखिक परम्पराओं में इनकी भूमिका एवं प्रभाव’ नामक विषय पर चर्चा की जाएगी। जनाना महल के लक्ष्मी चौक में द्रोना फाउण्डेशन द्वारा ‘कीर्ति संगम: शिल्प संगम’ पर वर्कशोप आयोजित की जाएगी तथा दोपहर बाद आयोजित हुई सभी संगोष्ठियों आदि पर चर्चा की जाएगी तथा सायं 7 बजे से फतह सागर की पाल पर संगीत एवं नृत्य में नई दिल्ली के कलांगन डांस कम्पनी द्वारा भरत नाट्यम व बैंगलुरु की इण्डियन फाॅक राॅक बैण्ड द्वारा स्वरात्मा की प्रस्तुती दी जावेगी। गुलाब बाग एवं फतह सागर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

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