खनन नियमों में हुए परिवर्तनों पर तीन दिवसीय नेशनल सेमिनार 7 जुलाई से


खनन नियमों में हुए परिवर्तनों पर तीन दिवसीय नेशनल सेमिनार 7 जुलाई से

माईनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के उदयपुर, जोधपुर एवं जयपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में द्वारा भारत सरकार द्वारा अप्रधान खनिज में किए गये खनन नियमों में एवं विभिन्न राज्य सरकारेां द्वारा अप्रधान खनिजों के नियमों में परिवर्तनों पर पहली बार उदयपुर में खनन एवं पर्यावरण से संबंधित मुद्दे विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन 7 जुलाई से सीटीई कॉलेज के सभागार में होगा। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के खान विभाग के अधिकारी अपने-अपने राज्यों के खनन नियमों की जानकारी देंगे।

 
खनन नियमों में हुए परिवर्तनों पर तीन दिवसीय नेशनल सेमिनार 7 जुलाई से

माईनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के उदयपुर, जोधपुर एवं जयपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में द्वारा भारत सरकार द्वारा अप्रधान खनिज में किए गये खनन नियमों में एवं विभिन्न राज्य सरकारेां द्वारा अप्रधान खनिजों के नियमों में परिवर्तनों पर पहली बार उदयपुर में खनन एवं पर्यावरण से संबंधित मुद्दे विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन 7 जुलाई से सीटीई कॉलेज के सभागार में होगा। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के खान विभाग के अधिकारी अपने-अपने राज्यों के खनन नियमों की जानकारी देंगे।

एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरूण कोठारी ने बताया कि समय-समय पर केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा खनन नियमों में परिवर्तन किये जाते रहे है लेकिन केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा पिछले तीन वर्षा में प्रधान एवं अप्रधान खनिजोें के नियमों में किये गये व्यापक परिवर्तन का असर नये खनन पट्टों एवं खनिज उत्पादन पर पड़ेगा। सेमिनार में भारत सरकार द्वारा खनन नियमों में किये गये बदलावों के आधार पर देश की राज्य सरकारों ने अप्रधान खनिजों के प्रावधानों पर आमूलचूल परिवर्तन कर नियम बनायें है। इनमे मुख्य बात यह है की हर राज्य ने एक ही खनिज के लिए अलग अलग प्रावधान किए है तथा प्रत्येक राज्य के नियमों में क्या भिन्नता है, कौन-कौन से नियम किस-किस राज्य के लिये लाभप्रद है। उनके बारें में इस सेमिनार में एक ही मंच पर जानकारी प्राप्त होगी।

उन्होेंने बताया कि केन्द्र सरकार खनन नियमों में परिवर्तन के लिए मुख्य रूप से आईबीएम यानि इण्डियन ब्यूरो ऑफ माइंस से सुझाव प्राप्त करती है इसलिये इस सेमिनार में आईबीएम, खान सुरक्षा निदेशालय, डीजीएएमएस एवं केन्द्रीय खान विभाग,पर्यावरण एवं वन विभाग के अधिकारियों को बुलाये जाने के प्रयास किये जा रहे है ताकि खनन संबंधी आ रही एवं आने वाली समस्याओं पर चिंतन कर उनका सामाधान निकालने के प्रयास किये जा सकें तथा खनिज उत्पादन में आत्म निर्भरता के साथ साथ खनन उध्यमियों को खनन व्यवसाय में आसानी हो सके।

एसोसिएशन की उदयपुर शाखा के चेयरमेन एवं सीटीएई के डीन डॉ. एस.एस. राठौड़ ने बताया कि इस सेमिनार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य खनन नियमों को लेकर विभिन्न राज्यों के खनन उद्यमियों से भी संवाद कायम करना है ताकि नियमों में एकरूपता लाने के प्रयास किये जा सकें। उन्होेंने कहा कि यदि ये नियम केन्द्र सरकार द्वारा लागू कर दिये जाते है तो खानों के बंद होने की संभावना बढ़ जाएगी।

आयोजन सचिव प्रो. एस.एस. जैन बताया कि सेमिनार में देश भर से 400 से अधिक खनन उद्योग के उद्योगपति,इंजिनियर, खान मालिक, योजनाकार, शिक्षाविद एवं पर्यावरणविद आदि भाग लेंगे तथा चिंतन-मनन के पश्चात सेमिनार की शिफारिशों से भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारों तथा खनन से सम्बंधित सभी केंद्र एवं राज्य के विभागों को अवगत कराया जायगा एवं एसोसिएशन सभी के बीच में एक सेतु का कार्य करेगी।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags